फौजी से पुलिस अफसर बने एसीपी बलदेव राज दत्ता 103 साल के हुए

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दिल्ली पुलिस
रिटायर्ड एसीपी बलदेव राज दत्ता 103 साल के हुए.

दिल्ली पुलिस से बतौर सहायक पुलिस आयुक्त (assistant commissioner of police) रिटायर हुए बलदेव राज दत्ता का उनके मित्रों और परिवार वालों ने 103 वां जन्मदिन मनाया. बहुत कम लोग ही जानते हैं कि दिल्ली पुलिस में आने से पहले बलदेव राज भारतीय सेना में थे और द्वितीय विश्व युद्ध में भी हिस्सा ले चुके हैं. एक सदी जी लेने वाली उम्र के इस पड़ाव पर भी उनका जज्बा काबिल-ए- तारीफ है. वर्तमान में श्रवण शक्ति की कमजोरी या आयु के हिसाब से कुछेक दिक्कतों को छोड़ दें तो रिटायर्ड एसीपी बलदेव राज दत्ता समान्यत स्वस्थ हैं.

दक्षिण दिल्ली के पंचशील एनक्लेव में अपने वकील बेटों के साथ रह रहे बलदेव राज दत्ता (baldev raj dutta ) को शुक्रवाज शाम दिल्ली पुलिस रिटायर्ड गज़ेटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन (dprgoa) की तरफ से प्रतिनिधियों रिटायर्ड एसीपी विजय मलिक और जयपाल सिंह ने बधाई दी. ये सच में भावुक पल थे, परिवार के लिए भी और अधिकारियों के लिए भी क्योंकि उनके पुलिस जीवन की कई पुरानी यादें ताज़ा हो गई.

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रिटायर्ड एसीपी बलदेव राज दत्ता को रिटायर्ड एसीपी विजय मलिक और जयपाल सिंह ने बधाई दी. पीछे खडे हैं बलदेव राज के वकील बेटे राजीव दत्ता.

बलदेव राज 23 दिसंबर 1920 को मुल्तान में पैदा हुए थे. ये इलाका अब पाकिस्तान में है. बलदेव राज दत्ता सूबेदार के तौर पर रॉयल ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भर्ती हुए थे और द्वितीय विश्व युद्ध-2 में हिस्सा लिया. उन्हें 1942 और 1943 में दो बार प्रशस्ति पत्र मिले थे जिनका लंदन गजेट में ज़िक्र है.

भारत का बंटवारा होने के साथ 1947 में पाकिस्तान का जन्म होने के बाद बलदेव राज दत्ता के परिवार को मुल्तान छोड़ना पड़ा. उनका परिवार दिल्ली आ गया और बलदेव राज ने सेना छोड़ दी. वे दिल्ली पुलिस में भर्ती हो गए जहां 1979 तक उन्होंने अपनी सेवाएं दीं. दिल्ली पुलिस से बलदेव राज का करियर एक कामयाब पुलिसकर्मी का रहा और वे एसीपी के ओहदे पर रिटायर हुए. वे कई साल तक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ – pso) भी रहे थे.