केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के रिटायर्ड कर्मियों से जुड़े तमाम मामलों को सुनने और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए अब सीआरपीएफ महानिदेशालय में तैनात कमांडेंट (कल्याण) को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त अधिकारियों की इससे सम्बन्धित मांग पर ये ऐलान सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने आज नई दिल्ली में आयोजित वेटरन्स डे (veterans day) के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में नई दिल्ली में किया. सीआरपीएफ के पूर्व अधिकारियों और कार्मिकों को सम्मानित करने के लिए और उनकी तरफ से की गई सेवा के प्रति आभार प्रकट करने के लिए ये कार्यक्रम वसंत कुंज स्थित शौर्य ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट में किया गया.
आईपीएस कुलदीप सिंह ने ये भी बताया कि सीआरपीएफ के जिन कार्मिकों ने ड्यूटी को सरंजाम देते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, उनके आश्रितों से जुड़े तमाम मामलों का ख्याल रखने के लिए सीआरपीएफ के हरेक ग्रुप सेंटर में नोडल अधिकारी तैनात किया गया है. ये नोडल अधिकारी अब पूर्व सैनिकों के मामले भी देखेंगे. जिस किसी को इस अधिकारी से मदद की ज़रुरत हो वे तुरंत सहायता के लिए सीआरपीएफ की हेल्पलाइन पर भी सम्पर्क कर सकता है. इस हेल्पलाइन का नंबर 011-24369541 है. उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ की सभी फोर्मेशन (formations) को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि उनसे सम्बद्ध सभी अस्पतालों में सीआरपीएफ के पूर्व कर्मियों को निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया जाए. यही नहीं उनको और उनके परिवार वालों को यहां प्राथमिक उपचार देने के भी निर्देश जारी किये गए हैं.
सीआरपीएफ के पूर्व या सेवानिवृत्त कर्मियों को उनकी सेवा के लिए आभार प्रकट करने और सम्मानित करने का समारोह मनाने के लिए साल में एक दिन तय करने का फैसला 2021 में लिया गया था. आज के कार्यक्रम में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार और सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक के विजय कुमार ख़ास अतिथि थे. उन्होंने इस अवसर पर विशेष संबोधन में सीआरपीएफ की उपलब्धियों के लिए बधाई दी और भविष्य में सुरक्षा के वातावरण में आने वाली तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा. इस अवसर पर दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले पूर्व और वर्तमान अधिकारी बड़ी तादाद में शामिल हुए. पूर्व कर्मियों के सम्मान में इसी तरह के कार्यक्रम देश में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा ग्रुप सेंटरों में किये गए.
इस अवसर पर आपसी बातचीत का एक सत्र भी रखा गया जिसका संचालन पूर्व डीआईजी पीएस रजौरा ने किया. रिटायर्ड अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किये और इस दौरान ऐसे खुशनुमा मौके भी आए जब कुछ बातों पर तालियां भी बजी.