बीएसएफ ने हथियार और गोली बारूद से लैस पाकिस्तान का ड्रोन गिराया

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यही है वह जासूसी ड्रोन

जम्मू कश्मीर में कठुआ सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ BSF) के जवानों ने पाकिस्तान से हथियार लेकर भारतीय सीमा में घुसे एक ड्रोन को गिरा दिया. इस ड्रोन में हथियार और गोली बारूद लदे हुए थे. ड्रोन गिराने वाले बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर देविंदर सिंह को डेढ़ लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया गया है. गिराए गये ड्रोन से अमेरिकन सेमी ऑटोमेटिक राइफल, उसकी गोलियां और हथगोले भी बरामद हुए हैं.

यूँ गिराया ड्रोन :

मीडिया को संबोधित करते बीएसएफ के जम्मू कश्मीर फ्रंटियर के आईजी नरेंद्र सिंह जमवाल के साथ एसआई देविंदर सिंह भी मौजूद थे.

दरअसल इस ड्रोन को शनिवार की तड़के पाकिस्तान की सीमा से सटे जम्मू के कठुआ में हीरा नगर सेक्टर के रथुआ में आसमान पर उड़ते देखा गया था. बीएसएफ की 19 वीं बटालियन के गश्ती दल के जवानों की नज़र इस पर सुबह 5.10 बजे पड़ी और उन्होंने गोली मारकर इसे गिरा दिया. तब ये ड्रोन भारतीय सीमा के 250 मीटर और तकरीबन 150 फुट की ऊंचाई पर उड़ रहा था. इसे गिराने के लिए सब इंस्पेक्टर देविंदर सिंह को 8 गोलियां चलानी पड़ीं. पाकिस्तानी ड्रोन वहीं पास के खेत में जा गिरा. देविंदर सिंह को इस बढ़िया काम के लिए बीएसएफ के महानिदेशक जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक और कठुआ के डीसी की तरफ से 50 – 50 हज़ार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है.

ड्रोन में हथियार :

मार गिराए गए ड्रोन में ये हथियार थे.

बीएसएफ के जम्मू कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आईजी) नरेंद्र सिंह जमवाल के मुताबिक़ गोली मारकर गिराए गये इस ड्रोन में हथियारों की खेप पर किसी ‘अली भाई’ का नाम लिखा था. इसमें M -4 अमेरिका निर्मित सेमी ऑटोमेटिक राइफल, 5 .56 एमएम की 60 गोलियों से भरी उसकी दो मैगज़ीन और चीन निर्मित सात M 67 ग्रेनेड थे. श्री जमवाल का कहना है कि बरामद हुए ये वैसे ही हथियार और गोली बारूद हैं जैसे कुछ महीने पहले नगरोटा में बन टोल प्लाज़ा पर मुठभेड़ में मारे गये जैश ए मोहम्मद के घुसपैठिये आतंकवादियों के पास थे.

घुसपैठ और जासूसी भी :

समझा जाता है कि हथियारों की ये खेप भारत में पहुंचकर ड्रोन को उड़कर वापस पाकिस्तान की सीमा में पहुँच जाना था. हथियार सप्लाई करने का यही तरीका आतंकवदियों ने पंजाब बॉर्डर पर हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए भी अपनाया था. अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान रेंजर और पाकिस्तान सेना इस हथकंडे के जरिये ये भी देखते हैं कि सीमा पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों की कहाँ कहाँ चौकसी है और उनकी मौजूद टीमों के बीच कितना फासला है ताकि उस हिसाब से घुसपैठ कराई जा सके. ऐसे में ड्रोन का जासूसी में भी काम लिया जाता है.

मार गिराया गया जासूसी ड्रोन

ऐसा था ड्रोन :

गिराए गये ड्रोन का ब्लेड से ब्लेड का आकार 8 फुट था और वज़न 17 .5 किलोग्राम था जबकि इस पर लादी गई हथियार और गोली बारूद का वजन तकरीबन 6 किलोग्राम था. खेप पर नाम ज़रूर लिखा है लेकिन अभी ये पता नहीं चल सका ये खेप जिस पाकिस्तानी एजेंट के पास पहुंचनी थी, उसका ठिकाना कहाँ है. अलबत्ता बीएसएफ का ये ज़रूर कहना है कि इस ड्रोन को पाकिस्तान की उस चौकी से नियन्त्रित किया जा रहा था जो बीएसएफ की पनेसर चौकी के ठीक सामने की दिशा में है.