भारत सरकार ने पुराने वाहनों के लिए वाहन स्क्रैपिंग नीति का ऐलान किया है हालांकि इसमें समुचित बदलाव और सुधार के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये गए हैं. नई नीति के हिसाब से वाहनों को नष्ट किया जायेगा और नष्ट किये जाने वाले वाहनों के एवज में नये वाहन खरीदने पर कुछ आर्थिक लाभ मिलेंगे. इसके आलावा पुरानी गाड़ियों को और ज्यादा समय तक चलाने के लिए फिर से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराया जा सकता है.
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की है. लोकसभा में दिए एक बयान श्री गडकरी ने कहा कि ‘नए और फिट वाहनों की तुलना में पुराने वाहन पर्यावरण को 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषित करते हैं’. उन्होंने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण, वाहन में सवार लोगों और पैदल चलने वालों के हित को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय स्वैच्छिक वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वीवीएमपी-VVMP) अर्थात “वाहन नष्ट करने की नीति” शुरू कर रहा है, जिसका मकसद बेकार (कबाड़ हो चुके) और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सडकों से हटाने के लिए एक पारिस्थितिकी तन्त्र तैयार करना है.
![वाहन स्क्रैपिंग नीति](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2021/03/vehicle-scrapping-policy-5.jpg)
इस नीति का उद्देश्य पुराने और कबाड़ हो चुके वाहनों की संख्या कम करना, पर्यावरण में सुधार लाने के भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को घटाना, सड़क और वाहनों की सुरक्षा में सुधार करना, बेहतर ईंधन क्षमता प्राप्त करना, इस समय वाहनों को नष्ट करने के लिए असंगठित रूप से चल रहे उद्योगों को औपचारिक मान्यता देना और वाहन निर्माण, इस्पात एवं इलेक्ट्रोनिक उद्योग के लिए कम लागत पर कच्चा माल उपलब्ध कराना है.
सरकार के अनुमान के मुताबिक़ इस नई व्यवस्था से तकरीबन 10000 करोड़ रूपए का अतिरिक्त निवेश आने और रोज़गार के करीब 35000 अवसर सृजित होने की उम्मीद है. आने वाले कुछ सप्ताहों में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मसौदा अधिसूचना जारी करेगा जो आम जनता के लिए वेबसाइट पर 30 दिनों तक उपलब्ध रहेगी ताकि इस क्षेत्र से जुड़े सभी हित धारकों के विचार और उनकी टिप्पणियाँ मिल सकें.
पुराने वाहनों की वजह से प्रदूषण फैलने और उनके रखरखाव में खामियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए, ऐसे वाहनों को सड़कों पर चलने से रोकने के लिये घोषित किये तमाम नियम कायदे अब तक ठीक से अमल में नहीं लाये जा पा रहे थे. इस सम्बन्ध में अदालत की तरफ से दिए गये आदेशों और परिवहन विभागों की तरफ से बनाये गए नियमों का पालन करने में व्यवहारिक दिक्कतें आ रही थीं. इसकी बड़ी वजह थी इस सम्बन्ध में समेकित नीति का अभाव. खास तौर से पुराने वाहनों को ज़ब्त करके उनको अपंजीकृत किसी ठिकाने पर रखना पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग के लिए अलग चुनौती थी.
वाहनों को नष्ट किए जाने के मानक
वाणिज्यिक वाहनों के लिए स्वचालित फिटनेस केंद्र होंगे और निजी वाहनों के पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा. इन मानकों को विभिन्न देशों जैसे जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान के मानकों का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्य सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं से अपनाया गया है. फिटनेस परीक्षण में अयोग्य पाए जाने या पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं हो सकने की स्थिति में वाहन की आयु को समाप्त घोषित किया जा सकता है. वाहन की सक्षमता (फिटनेस) का निर्धारण उसके धुँआ छोड़ने के परीक्षण, ब्रेक लगाने, सुरक्षा उपकरण और केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम,1989 के अन्य कई परीक्षणों के आधार पर किया जाएगा।
![वाहन स्क्रैपिंग नीति](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2021/03/vehicle-scrapping-policy-4.jpg)
नीति में ये प्रस्तावित है :
वाणिज्यिक वाहनों को फिटनेस प्रमाणपत्र न मिल पाने की स्थिति में 15 वर्ष के बाद अपंजीकृत कर दिया जाएगा. इन वाहनों को हतोत्साहित करने के उपाय के रूप में वाणिज्यिक वाहनों के लिए उनके शुरूआती पंजीकरण की तिथि से 15 वर्ष की मियाद पूरी हो जाने के बाद फिटनेस प्रमाण पत्र और फिटनेस जांच के लिए बढ़ी हुई फीस देनी होगी.
निजी वाहनों के मामले में 20 साल के बाद पंजीकरण का नवीनीकरण न होने की स्थिति में अथवा अनफिट पाए जाने पर अपंजीकृत कर दिया जाएगा. इन वाहनों को हतोत्साहित करने के उपाय के रूप में निजी वाहनों के लिए उनके शुरूआती पंजीकरण की तिथि से 15 साल का वक्त पूरा हो जाने के बाद फिर से पंजीकरण कराने के लिए फीस देनी होगी.
वाहन मालिकों को ये मिलेगा :
यह भी प्रस्तावित है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगर निगमों, पंचायतों, राज्य परिवहन निगमों और केंद्र एवं राज्य सरकारों के स्वायत्तशासी निकायों के सभी वाहनों को उनके पंजीकरण की तिथि के 15 वर्ष पूरे हो जाने के बाद अपंजीकृत कर दिया जाएगा.
इस योजना में वाहन नष्ट करने के पंजीकृत केन्द्रों के माध्यम से पुराने और अनफिट वाहन स्वामियों को आकर्षक प्रोत्साहन दिए जाएंगे जिसके अंतर्गत वाहन स्वामियों को वाहन स्क्रैप (नष्ट) करने के प्रमाण पत्र के साथ कुछ और भी प्रोत्साहन शामिल होंगे जैसे कि वाहन नष्ट करने का केंद्र पुराने वाहन के कबाड़ की कीमत तय करेगा जो किसी नए वाहन की शोरूम से बाहर निकलते समय देय मूल्य का तकरीबन 4 से 6 प्रतिशत होगा. राज्य सरकारों को ऐसे वाहनों पर रोड टैक्स में छूट देने की सलाह दी गयी है. ये छूट निजी वाहनों के लिए 25 प्रतिशत और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15 प्रतिशत तक हो सकती है. वाहन निर्माताओ को भी परामर्श दिया गया है कि वे स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र दिखाने पर नए वाहन की खरीद के मूल्य में 5% की छूट देंगे. स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र दिखाने के बाद नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क में भी छूट दी जा सकती है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय देशभर में वाहनों को नष्ट करने के लिए पंजीकृत सुविधाएं (आरवीएसएफ) स्थापित करने को बढ़ावा देगा और इसके लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को प्रोत्साहित किया जाएगा. देशभर में समेकित स्क्रैपिंग सुविधाओं की स्थापना के लिए भी प्रयास जारी हैं. इसके लिए चुने गए कुछ स्थानों में गुजरात का अलंग है, जहाँ वाहनों को नष्ट करने के लिए अत्यधिक विशिष्ट केंद्र बनाने की योजना है. इसके अलावा कई और संभावित केंद्र हैं जहाँ वाहनों को नष्ट करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है.
![वाहन स्क्रैपिंग नीति](https://www.rakshaknews.in/wp-content/uploads/2021/03/vehicle-scrapping-policy-3.jpg)
वाहन नष्ट करने के केंद्र :
एकल खिड़की सुविधा वाली एक सरलीकृत पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से वाहन स्क्रैप (नष्ट) करने वाले इन केन्द्रों को सभी लागू कानूनों और पर्यावरण एवं प्रदूषण मानकों का पालन करना होगा और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इन केन्द्रों में पार्किंग की पर्याप्त सुविधा और खतरनाक अपशिष्ट प्रबन्धन और निपटान के साथ ही वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण को समाप्त करने वाले उपकरण भी होने चाहिए. इसी प्रकार मंत्रालय राज्य सरकारों, निजी क्षेत्र व वाहन निर्माता कम्पनियों की ओर से पीपीपी मॉडल पर स्वचालित फिटनेस केन्द्रों की स्थापना को भी प्रोत्साहित करेगा.
इन केन्द्रों में टेस्ट-लेन, आईटी सर्वर और वाहनों के निर्बाध आवागमन व पार्किंग सुविधा के लिए पर्याप्त स्थान होगा. हितों के आपसी टकराव से बचने के लिए इन केन्द्रों के संचालक केवल जांच सुविधा उपलब्ध कराएंगे और गाड़ियो की मरम्मत/पुर्जो की बिक्री सेवा नहीं देंगे. फिटनेस शिविरों में आने के लिए समय ऑनलाइन दिया जाएगा व जाँच रिपोर्ट भी इलेक्ट्रोनिक मोड में दी जाएगी.
स्क्रैपिंग नीति को लागू करने की समय सारिणी :
इस प्रस्तावित स्क्रैपिंग नीति को लागू करने की संभावित समय सारिणी के मुताबिक़ फिटनेस केन्द्रों और स्क्रैपिंग केन्द्रों के लिए नियम 1 अक्टूबर 2021 तक बनेंगे. सरकारी एवं लोक उपक्रमों के 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को स्क्रैप (नष्ट) करना 01 अप्रैल 2022 तक नष्ट किया जायेगा. भारी वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस की अनिवार्य जांच के लिए 1 अप्रैल 2023 और अनिवार्य फिटनेस परीक्षण (अन्य श्रेणियों के लिए चरण बद्ध क्रम में) 1 जून 2024 होगी.