जो काम मध्य प्रदेश व केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकारों को करना चाहिए था या जिस मुद्दे पर सेना को और पुलिस को खुद कार्रवाई करनी चाहिए थी उसे करवाने के लिए राज्य की हाई कोर्ट को सख्त आदेश देने पड़े . अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने स्वत संज्ञान लेते हुए बीजेपी की मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह ( vijay shah ) के खिलाफ बेहद गंभीर अपराध की धाराओं के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए है .
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में कही गई विवादित बात को लेकर हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक योगेन्द्र मकवाना को विजय शाह पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं . विजय शाह ने हालांकि कर्नल सोफिया का नाम नहीं लिया था लेकिन उनको ‘ आतंकवादियों की बहन ‘ कह डाला था.
विजय शाह मध्य प्रदेश के आदिवासी कल्याण और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री हैं . उन्होंने 12 मई को एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा था, “जिन लोगों (आतंकवादियों) ने हमारी बहनों के सिंदूर को मिटा दिया था… हमने इन लोगों की बहन को उन्हें नष्ट करने के लिए भेजकर बदला लिया. उन्होंने (आतंकवादियों ने) हमारे हिंदू भाइयों को मार डाला।
पीएम मोदी जी ने जवाब में उनकी (आतंकवादियों की) बहन को सेना के विमान में भेजकर उनके घरों में हमला करवाया. उन्होंने (आतंकवादियों ने) हमारी बहनों को विधवा बना दिया, इसलिए मोदी जी ने उनके समुदाय की बहन को उनके कपड़े उतारने और उन्हें सबक सिखाने के लिए भेजा.” हालांकि मंत्री ने अपनी टिप्पणी में कर्नल कुरैशी का नाम नहीं लिया, लेकिन बाद में विवाद शुरू होने के बाद उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए उनका नाम लिया और साथ ही यह दावा किया कि उनके बयान को “तोड़-मरोड़ कर” पेश किया गया है.
इस पूरे मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए जस्टिस अतुल श्रीधरन ने पुलिस महानिदेशक ( director general of police) कैलाश मकवाना को श्री शाह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला कृत्य) समेत गंभीर आपराधिक आरोपों के तहत चार घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया.
जस्टिस श्रीधरन ने समाचार रिपोर्टों का संज्ञान लेने के बाद कहा, “प्रथम दृष्टया, मंत्री का यह बयान कि कर्नल सोफिया कुरैशी पहलगाम पर हमला करने वाले ‘आतंकवादियों की बहन’ हैं, अलगाववादी गतिविधियों की भावनाओं को बढ़ावा देता है, जिससे भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा है.”
“प्रथम दृष्टया, मंत्री का यह बयान कि कर्नल सोफिया कुरैशी पहलगाम पर हमला करने वाले ‘आतंकवादियों की बहन’ हैं, अलगाववादी गतिविधियों की भावनाओं को बढ़ावा देता है, जिससे भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा है,” जस्टिस श्रीधरन ने समाचार रिपोर्टों का संज्ञान लेने के बाद कहा.
श्री शाह की टिप्पणियों को “खतरनाक” बताते हुए जस्टिस श्रीधरन ने कहा, “अब, उन्होंने इस देश के सशस्त्र बलों के बारे में भी कहना शुरू कर दिया है.”
भारत भर के कई राजनीतिक नेताओं और पार्टियों ने श्री शाह की टिप्पणी की निंदा की है और उन्हें हटाने की मांग की है. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, “कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ सबसे अपमानजनक और पूरी तरह से अस्वीकार्य टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री को प्रधानमंत्री ने अभी तक बर्खास्त क्यों नहीं किया है? राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा इन टिप्पणियों की निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है. मंत्री की नृशंस टिप्पणी वास्तव में भाजपा की बीमार मानसिकता को दर्शाती है.”
भाजपा नेता की टिप्पणी की निंदा करने वाले अन्य नेताओं में कांग्रेस के सचिन पायलट, वाई.एस. शर्मिला और हरीश रावत, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती और तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष शामिल हैं.
इस बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी ) प्रमुख जीतू पटवारी समेत कांग्रेस के कई प्रदेश स्तरीय नेताओं ने भोपाल और जबलपुर जैसे कई शहरों में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पार्टी कार्यकर्ताओं ने कई शहरों में श्री शाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया.