पूरी दुनिया की समुद्री यात्रा ‘लोकायन 18’ सात माह में पूरी कर लौटा आईएनएस तरंगिनी

1136
आईएनएस तरंगिनी
कोच्चि तट पर आईएनएस तारांगिनी की अगवानी भारतीय नौसेना के दक्षिण कमान के प्रमुख रियर एडमिरल आर.जे. नाडकर्णी ने खुद की.

भारतीय नौसेना का नौका प्रशिक्षण जहाज आईएनएस तरंगिनी (INS Tarangini) पूरे दुनिया की समुद्री यात्रा ‘लोकायन 18′ पूरी करके सात महीने के बाद आज (30 अक्टूबर) कोच्चि में अपने बेस पर लौट आया है. यहाँ पहुंचने पर तरंगिनी का शानदार तरीके से स्वागत किया गया. भारतीय नौसेना के दक्षिण कमान के प्रमुख रियर एडमिरल आर.जे. नाडकर्णी ने खुद इस जहाज की अगवानी की. इस जहाज की कमान कमांडर राहुल मेहता संभाल रहे हैं. नौसेना बेस की दक्षिणी जेटी पर नौसेना कमान की तरफ से समारोह आयोजित किया गया. कैप्टन वरुण सिंह, एससी, वरिष्ठ अधिकारी, प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन और अनेक वरिष्ठ अधिकारियों, चालक दल के परिवारों और अन्य प्रतिष्ठित मेहमान भी इस समारोह में शामिल हुए.

‘लोकायन 18’ नाम की ये समुद्री यात्रा कोच्चि से ही 10 अप्रैल, 2018 को शुरू हुई थी. समुद्री यात्रा के दौरान तरंगिनी ने बड़े गर्व से ‘ध्वज प्रदर्शित किया’ और इसके साथ ही 13 देशों के 15 बंदरगाहों पर भारत की विविध संस्कृति को भी प्रदर्शित किया. यह जहाज अरब सागर, लाल सागर, स्वेज नहर, भूमध्य सागर, जिब्राल्टर की खाड़ी, उत्तरी अटलांटिक महासागर, बिस्के की खाड़ी, इंग्लिश चैनल और उत्तरी सागर होते हुए नॉर्वे तक गया था.

इस जहाज तरंगिनी ने फ्रांस के बोर्डेक्स में आयोजित ‘थ्री फेस्टिवल टॉल शिप्स रेगट्टा’ के समापन समारोह में हिस्सा लिया. इसने ‘टॉल शिप्स रेसेज यूरोप 2018’ में भी हिस्सा लिया जिसकी शुरुआत ब्रिटेन के सदरलैंड से हुई और फिर एस्बजर्ज, डेनमार्क और स्टैवेंजर, नॉर्वे से गुजरने के बाद नीदरलैंड के हरलिंगेन में इसका समापन हुआ. ऊंचे जहाजों की लम्बी दौड़ में सैकड़ों अन्य जहाजों के साथ तरंगिनी ने भी भाग लिया. इनमें से 200 जहाज दरअसल आईएनएस तरंगिनी जितने ही ऊंचे थे.

आईएनएस तरंगिनी तीन मस्तूल वाला जहाज है जो कुल मिलाकर 20 नौकाओं का वहन करता है. आईएनएस तरंगिनी भारतीय नौसना की प्रथम नौका प्रशिक्षण जहाज है और 11 नवंबर 1997 को इसका जलावतरण किया गया था. 21 वर्षों की अपनी गौरवशाली सेवा के दौरान आईएनएस तरंगिनी ने अब तक दुनिया भर के महासागरों में 2,20,000 समुद्री मील से भी अधिक की लम्बी दूरी तय की.