नाम : जिमी
उम्र : सिर्फ बीस साल
.. लेकिन यह लड़का अपने घर से सैंकड़ों किलोमीटर दूर , उफनते चिनाब दरिया में फंसे, अपने देशवासियों को बचाने के लिए जान पर खेल गया . आखिर क्यों ..?
जवाब है – क्योंकि वो भारतीय सेना का जांबाज़ सिपाही था.
जिमी को सेना की वर्दी धारण किए हुए बेशक चंद हफ्ते ही हुए थे लेकिन उसमें साहस कूट कूट कर भरा था. जम्मू कश्मीर के अखनूर में जब चिनाब के पानी ने कहर बरपाया तो जिमी और उसके साथी फौजियों को बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के काम में लगाया गया था. तटों को तोड़कर बहते उग्र चिनाब में तीन की खोज के बाद जिमी का पार्थिव शरीर मिल सका .
पूरा नाम है जिमी न्गामिनलुन मेट (jimmy ngamminlun mate) जो भारतीय सेना की 5वीं असम रेजिमेंट में बतौर अग्निवीर शामिल हुआ था .
तिरंगे में लिपटे जिमी को ताबूत में उसके प्रियजनों के पास जब पहुंचाया तो इस परिवार की हृदय विदारक कथा सुनकर हर कोई पीड़ा महसूस कर रहा था . एक ऐसा परिवार जो अपने ही राज्य मणिपुर में हुई हिंसा के दौरान काफी कुछ खोने के बाद विस्थापन के कारण से पहले से ही आहत था . अब उसने अपना जवान होता बेटा भी खो दिया था .
इसके बावजूद परेड ग्राउंड पर उनकी मुस्कान में कोई भी उस दर्द को नहीं पढ़ सका, एक ऐसी मुस्कान जो सिर्फ सेवा में गर्व की बात करती थी.
घर से बहुत दूर. सिर्फ़ 20 साल. वर्दी में बस कुछ ही समय. फिर भी उसने साबित कर दिया कि सेवा का पैमाना उम्र नहीं, बल्कि साहस होता है. जिमी ने एक सैनिक की शपथ अंत तक निभाई .