अरुणाचल में बॉर्डर पर बर्फीले तूफ़ान में फंसे 7 भारतीय सैनिक लापता

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सेना
अरुणाचल में बॉर्डर पर बर्फीले तूफ़ान में फंसे भारतीय सैनिक

चीन और भूटान से सटी सीमा के इलाके में गश्त पर निकले उन जवानों की खबर अभी तक नहीं आई है जो यहां बर्फीले तूफ़ान में फंस गये थे. सेना के प्रवक्ता ने सिर्फ इतना बताया कि इन जवानों की तादाद 7 है और इनकी खोज खबर लेने की पुरज़ोर कोशिश चल रही है. इस इलाके में कुछ दिन से हिमपात हो रहा था.

भारतीय सेना के जवानों की ये टुकड़ी अरुणाचल प्रदेश के अत्यधिक ऊंचाई वाले कामेंग इलाके में जिस वक्त गश्त पर निकली थी तब बर्फीला तूफ़ान (avalanche) आया था. इस इलाके में तूफान शांत होने के बाद सेना की टुकड़ी से सम्पर्क टूट गया था और शनिवार से लापता सैनिकों का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. इस टुकड़ी का नेतृत्व एक एनसीओ (नॉन कमीशंड ऑफिसर-non commissioned officer) कर रहे हैं.

सेना की तरफ से सिर्फ इतना बताया गया है कि खोजबीन और राहत के लिए ऑपरेशन जारी है. इस ऑपरेशन के लिए विशेषज्ञ टीमों को हवाई मार्ग से भेजा जा चुका है.

सर्दियों के मौसम में ऐसे ऊंचाई वाले बर्फीले इलाकों में गश्त करना चुनौती भरा काम होता है. हालांकि हादसों की सूरत में होने वाले नुकसान को रोकने के लिए ये सैनिक प्रशिक्षित और उपकरणों से लैस होते हैं. बावजूद इसके इस तरह की दुखद घटनाएं होती रहती हैं जिनमें सैनिकों की जान तक गई है और कई की तो खोज खबर ही बहुत दिन बाद मिल सकी है.

पिछले साल अक्टूबर में ही उत्तराखंड के माउन्ट त्रिशूल पर पर्वतारोही अभियान में गये नौसेना के 5 जवान फंस गये थे. उनके शरीर बाद में मिले थे चीन और पाकिस्तान से सटे अत्यधिक ऊंचाई और बर्फीले तूफानों वाले इन इलाकों में तो ऐसे हादसे होते ही रहते हैं जिनमें भारतीय थल सेना के जवानों की जान गई है. सियाचिन के सब सेक्टर हनीफ में पिछले साल ही अप्रैल में दो जवानों की मौत हुई थी.