सेना की भर्ती रैली : युवाओं में फिजिकल टेस्ट पास करने की क्षमताओं में कमी

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सेना भर्ती रैली
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय सेना के मेरठ भर्ती दफ्तर की तरफ से 6 जिलों के युवाओं के लिये 10 मई तक गाज़ियाबाद में चल रही सेना भर्ती रैली में उत्साह तो दिखाई दे रहा है लेकिन युवाओं में शारीरिक क्षमताओं की कमी भी साफ़ झलक रही है. जिलेवार की जा रही इस भर्ती में बुधवार (3 मई) को शामली के 4423 युवाओं ने दौड़ लगाई लेकिन फिजिकल टेस्ट सिर्फ 282 ही पास कर सके. सोमवार को पहले दिन रामपुर जिले के 2540 युवकों में से 244 ही फिजिकल टेस्ट पास कर सके थे.

भर्ती के लिए 1600 मीटर की दौड़ 5 मिनट 10 सेकंड में पूरी करनी होती है जिसके लिए उन्हें मैदान में बड़े ग्रुप में दौड़ाया जाता है. जिसके बाद लम्बी कूद, बीम जैसी गतिविधियाँ और फिजिकल टेस्ट होता है. बाद में ही लिखित परीक्षा देनी होती है. सारे नम्बर जोड़कर मेरिट लिस्ट बनती है.

चार मई को गौतमबुद्ध नगर जिले की और पांच मई मुरादाबाद के युवकों के लिए है मुरादाबाद के लिए 4500 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है. भर्ती के लिए उम्मीदवार एक दिन पहले रात में ही पहुंचने शुरू होते हैं क्यूंकि प्रक्रिया तड़के ही शुरू हो जाती है.

आम तौर पर सेना की भर्ती रैली अगस्त या उसके बाद आयोजित की जाती है जिससे उस साल बोर्ड की परीक्षा देकर में पास हुए अभ्यर्थियों को भी आवेदन का मौका मिल सके. लेकिन ये भर्ती मई में होने के कारण छह जिलों की रैली में साल 2018 के बोर्ड परीक्षार्थी आवेदन नहीं कर सके क्यूंकि इनका रजिस्ट्रेशन 10 वीं और 12 वीं का नतीजा आने से पहले ही हो गया था.