भारतीय सेना को रूसी ए के – 203 असॉल्ट राइफलें मिलनी शुरू हुई , अब तक 27 हज़ार

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भारतीय सेना को रूसी ए के - 203 असॉल्ट राइफलें मिलनी शुरू हुई ,
रूस यूक्रेन से युद्ध को  कारण बताते हुए ,  भारत  के साथ हुए जिस सौदे को पूरा करने में देरी कर रहा था उस सौदे के तहत हासिल होने वाली  रूसी  ए के -203 (AK-203) असॉल्ट राइफलें अब भारतीय  सेना को मिलनी शुरू हो गई हैं . उत्तर प्रदेश के कोरवा में स्थापित भारत-रूस संयुक्त उद्यम की तरफ से अब तक 27,000 राइफलें सेना को सौंपी जा चुकी हैं. जल्द ही और 8 हज़ार राइफलें सेना तक पहुंच जाएंगी.  लेकिन इस सौदे के तहत स्वदेशीकरण का स्तर 25 % ही हासिल हो सका है.

रूस से  ए के -203 असॉल्ट राइफल सौदे पर हो रहे अमल की यह जानकारी  अंग्रेज़ी दैनिक ‘ द हिन्दू ‘ की प्रकाशित रिपोर्ट में दी गई है . मामले के  जानकार एक अधिकारी के हवाले से इस समाचार में कहा गया है कि शुरुआती देरी के बाद सब कुछ पटरी पर है और सेना को 27,000 राइफलें दी गई हैं. अगले दो सप्ताह में अन्य 8,000 राइफलें सौंपी जाएंगी. साथ ही स्वदेशीकरण स्तर तकरीबन  25% हासिल किया गया है”.

रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि  10,000 से ज्यादा राइफलें सेना की  इकाइयों को सौंप दी गई हैं और अतिरिक्त राइफलों का निरीक्षण किया जा रहा है.

जुलाई 2021 में हस्ताक्षरित ₹5,000 करोड़ से अधिक के इस अनुबंध के तहत, संयुक्त उद्यम इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल irrpl) द्वारा रूस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ भारत में 6.1 लाख से ज्यादा एके-203 असॉल्ट राइफलें बनाई जानी है.  आईआरआरपीएल  की स्थापना 2019 में भारत के तत्कालीन आयुध निर्माणी बोर्ड [अब एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) और म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL)] और रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (RoE) और कलाश्निकोव कंपनी के बीच की गई थी.

जैसा कि द हिंदू ने पहले की प्रकाशित  रिपोर्ट में भी कहा  था कि  अनुबंध की शर्तों के अनुसार, पहले 70,000 राइफलों का उत्पादन भारत में स्थानीयकरण की सीमा को 5% से 70% तक चरणबद्ध वृद्धि के साथ किया जाएगा. बाकी  राइफलों का उत्पादन 100% स्थानीयकरण के साथ किया जाएगा. एके-203 राइफलों का पूर्ण पैमाने पर उत्पादन 2-3 वर्षों के भीतर होने की उम्मीद है.

स्वदेशीकरण की चल रही प्रक्रिया के सन्दर्भ में ‘द हिन्दू ‘ की रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है कि यह “बेहद व्यवस्थित तरीके” से किया जा रहा है “तो, प्रक्रिया धीमी होगी. यहां तक कि हमारी शुरुआती समयसीमा में भी 70% स्वदेशी सामग्री की इस प्रक्रिया के लिए दो साल का समय तय किया गया था,” सूत्र ने कहा, ”हम उससे पहले इसे हासिल करने का लक्ष्य बना रहे हैं.

जैसा कि पहले बताया गया था, सौदे के समापन में बार-बार होने वाली देरी की पृष्ठभूमि में, भारत ने अगस्त 2021 में हस्ताक्षरित एक सौदे के तहत शेल्फ से 70,000 एके-103 असॉल्ट राइफलें खरीदी और शामिल की थीं.