पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जबरदस्त मानसूनी बारिश के कारण भयानक तबाही आ रही है . सैंकड़ों लोगों की का जानमाल का नुक्सान हुआ है. बड़ी तादाद में मकान टूट फुट गए हैं . कई लोग घायल हुए है .
बीते 24 घंटों में ही कम से कम 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और लगभग 300 लोग घायल के घायल होने की खबर है . अब तक मृतकों की तादाद तकरीबन 170 हो चुकी है जो बढ़ बभी सकती है. मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में वर्षा आपात काल ( rainy emergency ) का एलन किया है.
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गुरुवार को हुई मूसलधार बारिश के कारण बाढ़ आ गई और भवन ढ गए . ज़्यादातर मौतें कमज़ोर घरों की छतों के गिरने से हुईं. पूर्वी प्रांतीय राजधानी लाहौर , फ़ैसलाबाद , ओकारा, साहीवाल और पाकपट्टन जैसे नगर प्रभावित हुए हैं.
राजधानी इस्लामाबाद के पड़ोसी रावलपिंडी शहर से होकर बहने वाले नाला लाई नदी के पास निचले इलाकों में रहने वाले निवासियों को जल स्तर में तेज़ वृद्धि के बाद घर खाली करने का आदेश दिया गया.
रावलपिंडी शासन ने लोगों को घर पर रखने के लिए गुरुवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया.
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, जून के अंत से अब तक अकेले पंजाब में मानसूनी बारिश से 103 लोगों की मौत हो चुकी है और 393 लोग घायल हुए हैं। 120 से ज़्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और छह मवेशी मारे गए हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने पाकिस्तान में 25 जून से अब तक कम से कम 159 लोगों की मौत का आंकड़ा दिया है और कहा है कि 1,000 से ज़्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए हैं.
पाकिस्तान मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी शहर मंगला में झेलम नदी के लिए उच्च बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है, जहाँ पानी का प्रवाह उच्च स्तर तक बढ़ने की आशंका है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में आस-पास की नदियाँ भी ऊफान पर आ सकती हैं, जिससे आस-पास की आबादी को खतरा हो सकता है.
मानसूनी बारिश दक्षिण एशिया की जलवायु का एक नियमित हिस्सा है और फसलों की सिंचाई और जल आपूर्ति की पूर्ति के लिए आवश्यक है. हालांकि, हाल के वर्षों में तेज़ी से बढ़ते शहरी विस्तार, खराब जल निकासी प्रणालियों और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी मौसम की घटनाओं की अधिकता के कारण पड़ने वाले उलटे असर में इजाफा हो रहा है .