पाकिस्तान में लगातार पुलिस पर हमले : डीएसपी और सिपाही की हत्या

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बन्नू पुलिस लाइन में एसपी गुल मोहम्मद और सिपाही नदीम गुल को आखरी सलामी
अफगानिस्तान के सीमावर्ती खैबर पख्तूनख्वा  के लक्की मारवत में  पुलिस नाके पर पुलिस  उपाधीक्षक (deputy superintendent of police) गुल मोहम्मद  और एक सिपाही गनमेन  नदीम गुल की हत्या कर दी गई . शुक्रवार  की रात ही दूसरी वारदात भी लक्की मरवत में हुई जहां सिपाही सनामत खान के घर पर आतंकवादियों ने हमला कर डाला . सनामत खान की भी इस हमले में जान गई . शहीद हो गए, जब लक्की मरवत में अज्ञात हमलावरों ने उनके वाहन पर गोलीबारी की.

खैबर पख्तूनख्वा में यह  हमले पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाकर की गई घटनाओं की श्रृंखला में नवीनतम हैं. दोनों ही वारदात को अंजाम देने वाले  हमलावर फरार हैं. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक़ प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ग्रुप  के एक सहयोगी ने हमलों की जिम्मेदारी ली है.

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमलों की कड़ी निंदा की. उन्होंने कर्तव्य के दौरान बलिदान देने वाले  डीएसपी गुल मुहम्मद खान, कांस्टेबल नसीम गुल और अन्य पुलिस अधिकारियों के परिवारों के प्रति हमदर्दी ज़ाहिर की है . उन्होंने कहा ,  “खैबर पख्तूनख्वा पुलिस हमेशा आतंकवाद के खिलाफ दीवार की तरह खड़ी रही है. आतंकवादियों की कायरतापूर्ण हरकतें हमारे संकल्प को डिगा नहीं सकतीं”.

बन्नू पुलिस के प्रवक्ता बशीर खान के अनुसार, डीएसपी गुल मुहम्मद और कांस्टेबल नदीम गुल ने सिंधु राजमार्ग के पास मंजीवाला चौक पर एक अस्थायी चौकी स्थापित की थी, जब अज्ञात हमलावरों ने उनके वाहन पर गोलीबारी की, जिसमें दोनों की मौत हो गई.

उसी रात, लक्की मारवत के सारा दरगा जिले में एक अलग घटना में, कांस्टेबल सनामत खान की जान चली गई  जब अज्ञात हमलावरों ने उनके घर के पास उन पर गोलियां चला दीं. सनामत खान  उत्तरी वजीरिस्तान के मिरानशाह में तैनात थे और छुट्टी पर घर आए थे .

ड्यूटी की खातिर कुर्बान हुए  पुलिस अधिकारियों के लिए शनिवार की सुबह  बन्नू में इकबाल शहीद पुलिस लाइन में आधिकारिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की प्रार्थना की गई.

जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) बन्नू जियाउद्दीन अहमद,  लक्की मरवत के डीपीओ  तैमूर खान, बन्नू के एसपी ( ऑपरेशन) सनाउल्लाह और सेना के अधिकारियों ने  ताबूतों पर फूल चढ़ाए और दिवंगतों के  लिए प्रार्थना की.

डीपीओ जियाउद्दीन अहमद ने कहा, “शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा।” उन्होंने कहा, “आतंकवादी कायरतापूर्ण कृत्यों से हमारा मनोबल नहीं गिरा सकेंगे .”

पाकिस्तानी अखबार डॉन में कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने हमलों की कड़ी निंदा की और शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की. सीएम कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को हमले में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है.

सीएम गंडापुर ने कहा, “सार्वजनिक सुरक्षा के लिए काम करने वाले पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाना दुखद और निंदनीय है.” उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्रांत में कानून और व्यवस्था की सुरक्षा के लिए शाश्वत बलिदान दिया है. उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवारों को इस घड़ी में नहीं छोड़ा जाएगा और उनका पूरा साथ दिया जाएगा.

सीएम गंडापुर ने शहादा पैकेज के तहत शहीदों के परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की और पुलिस अधिकारियों को समय पर भुगतान की दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया.

इससे पहले मंगलवार को बन्नू के टाउनशिप इलाके में अज्ञात बदमाशों के हमले में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए.

बीते मार्च महीने में,  लक्की मारवत के दर्रा पेज़ू शहर में अज्ञात मोटरसाइकिल चालकों ने  गोलीबारी करके ट्रैफिक पुलिस के दो जवानों की सरेआम हत्या कर डाली थीं .

बाद में दिन में, बाजौर रेस्क्यू 1122 के मीडिया समन्वयक के एक बयान में कहा गया कि  बाजौर के मामुंड तहसील में एक बम विस्फोट में सहायक उप-निरीक्षक बख्तजादेह की जान गई  जबकि पुलिस अधिकारी एहसानुल्लाह घायल हो गए.