अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते कब्ज़े के बीच सेना प्रमुख बदला गया

225
अफगानिस्तान
जनरल हिबतुल्लाह अलीजई अफगानिस्तान सेना के नए प्रमुख

अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के आखिरी चरण के बीच तालिबान के बढ़ते हौंसलो और हमलों के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सेना प्रमुख जनरल वली अहमदजई को हटा दिया है. अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि जनरल हिबतुल्लाह अलीजई (General Haibatullah Alizai) ने जनरल वली अहमदजई की जगह अफगान सेना प्रमुख के तौर पर पदभार सम्भाल लिया है.

अमेरिकी सैनिक अब अफगानिस्तान में तालिबान से लड़ाई में वहां के सैनिकों को ज़मीनी जंग में साथ नहीं दे रहे अलबत्ता अमेरिकी विमान तालिबान के खिलाफ स्ट्राइक ज़रूर कर रहे हैं. इस बीच लगातार ताकतवर होते जा रहे तालिबान ने तीन और सूबों की राजधानियों और सेना के स्थानीय मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है. कंधार की जेल में कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने अपने साथियों को छुड़ा लिया और अफगान सेना इसे रोक नहीं सकी. इसके साथ ही अफगानिस्तान के पूर्वोत्तर हिस्से पर चरमपंथी संगठन का पूरा कब्जा हो गया है. कुल मिलाकर अब तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान का दो तिहाई हिस्सा आ गया है. एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान जिस रफ्तार से ताकत और वर्चस्व बढ़ा रहा है उस हिसाब से 3 महीने में पूरे अफगानिस्तान पर उसका कब्ज़ा हो जाएगा.

अफगानिस्तान में सरकार को तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ मदद के लिए दो दशक की लड़ाई लड़ रहे अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी का अब अंतिम दौर चल रहा है.

अफगानिस्तान पूर्वोत्तर में बदक्शान और बगलान सूबे की राजधानी से लेकर पश्चिम में फराह प्रांत तक तालिबान के कब्जे में चला गया है. कुंदुज प्रांत का अहम ठिकाना भी अफगान सरकार के हाथ से निकल गया है. वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के कब्जे वाले इलाके से घिरे बाल्ख प्रांत गए हैं ताकि तालिबान को पीछे धकेलने के लिए स्थानीय सरदारों से मदद मांगी जा सके.

कई मोर्चों पर सरकार के विशेष कार्रवाई बलों के साथ जंग चल रही है जबकि नियमित सैनिकों के लड़ाई का मैदान छोड़कर से भागने की खबरे भी आ रही हैं. जगह जगह खून खराबे और हिंसा की वजह से हजारों की तादाद में लोग शरण के लिए राजधानी काबुल में पहुंच रहे हैं. अगस्त महीने के अंत तक अपने सैनिकों की वापसी पूरा करने वाला अमेरिका कुछ हवाई हमले कर रहा है लेकिन खुद को जमीनी लड़ाई में शामिल करने से बच रहा है. दूसरी तरफ पश्चिमी सूबे फराह के सांसद हुमायूं शहीद जादा ने बुधवार को पुष्टि की कि सूबे की राजधानी तालिबान के कब्जे में चली गई है. कुछ अरसा पहले ही वहां के पड़ोसी सूबे निमरोज पर तालिबान ने एक सप्ताह के अभियान में ही कब्जा कर लिया था.