भारत के सीमान्त केंद्र शासित क्षेत्र लदाख को राज्य का दर्जा देने और वहां छठी अनुसूची के नियम कायदे लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (national security act ) के तहत हिरासत में लिया गया है. इस बीच लेह में इंटरनेट सेवा भी निलंबित कर दी गई है. लेह शहर में शुक्रवार को दूसरे दिन भी सख्त कर्फ्यू जारी रहा यहां 27 सितंबर तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं.
लदाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी जामवाल के नेतृत्व में एक टीम ने सोनम वांगचुक को लेह से गिरफ्तार किया. श्री वांगचुक दोपहर 2 बजे के बाद मीडिया को संबोधित करने वाले थे.
सोनम वांगचुक ने कहा था कि वह शुक्रवार को लेह के होटल अब्दुज़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे, जिसका प्रसारण ज़ूम पर भी किया जाएगा. हालाँकि उनके सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की, लेकिन वांगचुक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए. तब पता चला कि उन्हें निर्धारित प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले हिरासत में लिया गया.
दरअसल उससे कुछ देर पहले ही लदाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी जामवाल के नेतृत्व में एक टीम ने सोनम वांगचुक को लेह से गिरफ्तार कर लिया था . सोनम वांगचुक दोपहर 2 बजे के बाद मीडिया को संबोधित करने वाले थे.
वैसे सरकारी एजेंसियों ने सोनम वांगचुक पर पहले से ही शिकंजा कसना शुरू कर दिया था केंद्र ने वांगचुक द्वारा स्थापित लद्दाख के छात्र शैक्षिक और सांस्कृतिक आंदोलन का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है. सीबीआई ने उनके द्वारा संचालित हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लदाख ( himalayan institute of alternative ladakh ) के खिलाफ भी एफसीआरए के नियमों के कथित उल्लंघनों की जांच शुरू कर दी है.
शिक्षा के क्षेत्र में शानदार काम कर रहे 59 वर्षीय श्री वांगचुक रामन मैग्सेसे अवार्ड ( raman mag say say award ) से सम्मानित शख्सियत हैं . उनकी गिरफ्तारी लेह शहर में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के दो दिन बाद हुई. प्रदर्शनकारियों में मुख्यतः युवा थे जिन्होंने जुलूस के दौरान भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर और लदाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद-लेह (LAHDC-लेह) के सचिवालय पर तोड़फोड़ की . प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में चार नागरिक मारे गए और बड़ी तादाद में लोग घायल भी हुए .
श्री वांगचुक और उनके सहयोगियों की भूख हड़ताल के 15वें दिन हिंसा भडकी थी . श्री वांगचुक केन्द्रीय गृह मंत्रालय (ministry of home affairs ) ओर लदाख के प्रतिनिधियों के बीच राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की प्रमुख मांगों पर “परिणामोन्मुखी” बातचीत जल्द से जल्द शुरू करने के लिए दबाव बनाने के लिए तीन सप्ताह की भूख हड़ताल पर थे. हालांकि हिंसा भड़कने के बाद श्री वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली और क्षेत्र में शांति की अपील की. लेकिन गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि श्री वांगचुक के भाषण के प्रभाव से युवा भड़के थे . साथ ही यह भी इलज़ाम लगाया कि हिंसा पर उतारू प्रदर्शनकारियों को रोकने या हालात बिगड़ने से रोकने की उन्होंने कोशिश नहीं की बल्कि वहां से अपने गांव चले गए.