केंद्र सरकार की तरफ से समस्त भारत में लागू किये जाने के लिए बनाये जाने वाले जो कानून जम्मू कश्मीर में लागू नहीं हो पाते थे, अब जम्मू कश्मीर पुनर्गठन के बाद उन्हें वहां पर अमल में लाया जा सकेगा. सरकार ने इसका बंदोबस्त अब कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जो फैसले लिए हैं, उनमें से एक फैसला जम्मू कश्मीर से भी ताल्लुक रखता है. इसके तहत केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में केन्द्रीय कानूनों के समवर्ती आदेश को जारी करने को मंजूरी दे दी है.
पहले केंद्र सरकार के बनाये कानूनों को यहाँ लागू करने के लिए उन्हें विधानसभा में पास किया जाता था, अब इसकी ज़रुरत नहीं होगी. वहीं इस नये कदम से वो 37 कानून या बदले गये नियम अब लागू हो जायेंगे जिन पर यहाँ अमल रुका हुआ था.
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के प्रभावी होने के बाद तत्कालीन राज्य को 31 अक्टूबर, 2019 से केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर और केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के रूप में मान्यता दे दी गई है.
गृह मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है,”31 अक्टूबर, 2019 से पहले इस राज्य के अलावा सभी केन्द्रीय कानून पूरे भारत में लागू होते हैं, परन्तु 31 अक्टूबर, 2019 से नियुक्त केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में भी यह लागू हो गये हैं. केन्द्र शासित प्रदेश के संबंध में, प्रशासनिक प्रभावशीलता और सुचारू बदलाव सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बदलावों और संशोधनों के साथ समरूपी सूची के अंतर्गत तैयार किये गये केन्द्रीय कानूनों को अपनाने के लिए यह आवश्यक है, ताकि भारतीय संविधान के अनुरूप इन्हें लागू करने में किसी प्रकार की अस्पष्टता को दूर किया जा सकें”.
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के तहत केन्द्र सरकार के पास कानूनों को ज़रुरत के मुताबिक़ ढालने और उनमें संशोधन करने का अधिकार है, इन्हें उत्तराधिकारी केन्द्र शासित प्रदेशों के संदर्भ में निर्धारित तिथि से एक साल के अन्दर किसी भी कानून को अपनाने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के मकसद से या तो आवश्यक या व्यावहारिक अथवा निरस्त या संशोधित किया जा सकता है.
इसी के अनुरूप, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज हुई अपनी बैठक में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 96 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केन्द्र शासित प्रदेश के लिए ऐसे 37 केन्द्रीय कानूनों को अपनाने और उनमें सुधार करने के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा जारी एक आदेश के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. इन सुधारों के साथ उपर्युक्त केन्द्रीय कानूनों को अपनाने से केन्द्र शासित प्रदेश में प्रशासनिक प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतीय संविधान के अनुरूप इन कानूनों को लागू करने में किसी तरह की अस्पष्टता को दूर किया जाएगा.