लेडी सिंघम कहलाने वाली आईपीएस काम्या मिश्रा ने क्यों दिया इस्तीफ़ा ?

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आईपीएस अधिकारी काम्या मिश्रा

भारतीय पुलिस सेवा की  2019 बैच की एक शानदार अधिकारी काम्या मिश्रा ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देकर लोगों को अचरज में डाल दिया है. बिहार कैडर की इस युवा आईपीएस अधिकारी काम्या मिश्रा ( ips kamya mishra ) की लोगों में पहचान एक दबंग अधिकारी भी है इसलिए मीडिया ने इनको ‘ लेडी सिंघम ‘ नाम दे डाला था. कम्य मिश्रा ने  निजी कारणों का हवाला देते हुए पुलिस मुख्यालय को अपना इस्तीफा सौंपा  , हालांकि यह अभी तक मंज़ूर नहीं किया गया है.

अपने इस्तीफे के समय बिहार के दरभंगा में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के तौर पर तैनात  काम्या मिश्रा की यात्रा उनके अटूट समर्पण और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है.  ओडिशा की रहने वाली काम्या बचपन से ही मेहनती और प्रतिभावान छात्रा रही हैं.  उन्होंने  कक्षा 12वीं की परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक हासिल किए और क्षेत्रीय टॉपर बनीं.  इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और लेडी श्री राम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की.  इसी दौरान उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (union public service commission – upsc ) की सिविल सर्विस परीक्षाओं की तैयारी करने का फैसला किया.

काम्या ने 22 साल की उम्र में अपने पहले प्रयास में यह यूपीएससी की  परीक्षा पास की और  वह भी बिना किसी कोचिंग के. इसमें उन्होंने  172वीं रैंक हासिल की. काम्या मिश्रा की इस कामयाबी ने   उन्हें 2019 में भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी बना दिया. काम्या मिश्रा शुरू में हिमाचल प्रदेश कैडर में शामिल हुईं, लेकिन बाद में उन्हें बिहार कैडर में स्थानांतरित कर दिया गया.

] अपने पूरे करियर के दौरान, काम्या मिश्रा ने  मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय की सुरक्षा समेत  महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली हैं.  उनके उल्लेखनीय कार्यों में से एक जीतन साहनी हत्याकांड की जांच का नेतृत्व करना  भी शामिल था. जिसमें पूर्व मंत्री और वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के प्रमुख मुकेश साहनी के पिता शामिल थे.

हाल ही में, काम्या मिश्रा ने अपने पारिवारिक व्यवसाय में शामिल होने के लिए अपने आईपीएस पद से इस्तीफा देने का फैसला किया. मीडिया से बातचीत में, उन्होंने अपने पिता के साथ उनके पारिवारिक उद्यम में काम करने की इच्छा व्यक्त की. इकलौती बेटी होने के नाते, उन्हें व्यवसाय के प्रबंधन में अपने माता-पिता का समर्थन करने के लिए कर्तव्य की भावना महसूस हुई.