मामला बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून को हुई भगदड़ से जुडा है जिसमें 11 लोगों की जान चली गई थी और कम से कम 50 अन्य घायल हो गए थे. इस स्टेडियम में क्रिकेट के आईपीएल 2025 के मुकाबले का फाइनल था जिसमें विराट कोहली की टीम रॉयल चैलंजर्स बेंगलुरु (royal challengers bengaluru -RCB) विजेता बनी . इसी के जश्न के दौरान जमा हुई अत्यधिक भीड़ से भगदड़ मची थी .
कर्नाटक राज्य की सरकार ने इस भगदड़ के लिए वहां के सुरक्षा प्रबंध में खामियों के लिए पुलिस को दोषी मानते हुए गुरूवार को सिटी पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद और कई अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. उनके अलावा भगदड़ के तुरंत बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम प्रभारी, एसीपी, सेंट्रल डीसीपी, स्टेशन हाउस ऑफिसर, पुलिस हाउस मास्टर और कब्बन पार्क थाने के प्रभारी को निलंबित कर दिया गया था

पुलिस कमिश्नर बी दयानंद व अपने महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्यवाही को गलत मानते हुए नाराज़ हेड कांस्टेबल नरसिंहराजू ए ने अकेले विरोध प्रदर्शन करने की हिम्मत दिखाई . पुलिस की वर्दी पहने , अपनी बाजू पर काली पट्टी बांध हवलदार नरसिंहराजू एलेकर शुक्रवार को राजभवन के सामने जा खड़ा हुआ . उसके हाथों में भारत के संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीर थी. हेड कांस्टेबल मांग कर रहा था कि सिटी पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद का निलंबन वापस लिया जाए.
राजभवन के सुरक्षा कर्मचारियों ने नरसिंहराजू एलेकर हिरासत में लिया और विधान सौध पुलिस को सौंप दिया था . गिरफ्तार हेड कांस्टेबल नरसिंहराजू एलेकर को पुलिस ने जमानत पर रिहा भी कर दिया . नरसिंहराजू बेंगलुरु के मादिवाला पुलिस स्टेशन से सम्बद्ध है .
शहर में काम करने वाले कई पुलिसकर्मियों ने सिटी पुलिस कमिश्नर सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निलंबन पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है, लेकिन यह खुले विरोध का एकमात्र मामला था. प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस बल तेजी से “राजनीतिक दलों की दया पर निर्भर हो रहा है, चाहे वह कांग्रेस हो, भाजपा हो या जेडीएस.”