जान का खतरा मोल लेकर यातायात पुलिस कर्मियों ने हथियारबंद लुटेरों को दबोचा

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अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मोनिका भारद्वाज के साथ प्रेस कांफ्रेंस में सब इन्स्पेक्टर संजीव और सिपाही राहुल
दिल्ली पुलिस के दो कार्मिकों ने कर्तव्य परायणता , साहस  और  बहादुरी का परिचय देते हुए हथियारबंद लुटेरों को उस वक्त धर दबोचा जब खुद यह पुलिसकर्मी बिना हथियार के थे . पकडे गए दोनों शातिर अपराधी हैं और एक शख्स के गले से सोने की चेन लूटकर फरार हुए थे . इन पुलिसकर्मियों के नाम  सब इंस्पेक्टर संजीव और सिपाही राहुल नैन हैं . एक लुटेरे ने तो  ने पकडे जाने से पहले पुलिस पर गोली भी चलाई थी .

यह घटना सोमवार शाम की है . दिलशाद गार्डन में वहां के स्थानीय  निवासी प्रवीण सैनी पत्नी के साथ घर के पास की ही  एक बेकरी शॉप पर गए थे .   पत्नी  सामान लेने के लिए मोटरसाइकिल से उतर कर दुकान में  गई थीं . प्रवीण मोटर साइकिल का इंजन ऑफ़ करके उसी पर बैठे , पत्नीं के लौटने का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच मोटर साइकिल सवार दो लुटेरे उनके बिलकुल करीब आए और प्रवीण की पहनी सोने की तीन चेन झपटा मारकर गले से खींच ली. फरार होते समय उन्होंने हथियार दिखाकर किसी उस  व्यक्ति  को धमकाया भी जिसने उनको रोकने की कोशिश की थी .

मोटर  साइकिल और उस पर सवार होकर भाग रहे हथियार बंद झपटमारों के बारे में  शिवा ठाकुर नाम के एक राहगीर  ने ,  कुछ ही फासले पर  यातायात नियंत्रण  की ड्यूटी  कर रहे दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सब इन्स्पेक्टर संजीव और सिपाही राहुल को खबर  दी .  झपटमार जैसे ही चौराहे  के पास पहुंचे तो    सब-इंस्पेक्टर संजीव और कांस्टेबल राहुल नैन ने उन्हें रोकने की कोशिश में उनको बाइक से गिरा दिया . इस दौरान एक झपटमार ने  पुलिस से बचने के लिए सब इंस्पेक्टर संजीव पर गोली भी चलाई जो सौभाग्य से उनको  लगी नहीं . हालांकि हाथापाई में संजीव को कुछ चोटें आई .   दूसरे झपटमार ने भी सिपाही राहुल को गोली मारनी चाही लेकिन गोली चली नहीं . सिपाही राहुल  ने उस लुटेरे को काबू कर लिया . यह सब कुछ सरेआम हो रहा था . सड़क पर गिरे पुलिसकर्मियों को बदमाशों से गुत्थम गुत्था होते देख  लोगों ने इसमें पुलिस की मदद भी की , साथ ही बदमाशों की  खासी धुनाई भी की

दिल्ली पुलिस की अतिरिक्त आयुक्त  (ट्रैफिक) मोनिका भारद्वाज  ( monika bhardwaj ) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि गिरफ्तार बदमाशों में एक तो  गाजियाबाद निवासी इमरान (26 वर्ष ) और दूसरा  दिल्ली के सीमापुरी का  निवासी वारिस (35 वर्ष ) है . सब इंस्पेक्टर पर गोली इमरान ने चलाई थी . लेकिन संजीव ने इस खतरे की परवाह नहीं की .   तीन में से दो सोने की चेन तो प्रवीण को मिल गई.

एसआई संजीव  ( si sanjeev ) ने घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर कहा, “उनमें से एक ने चिल्लाया ‘गोली मार दे इन्हें ” अधिकारी ने कहा, “जब उसने मुझ पर गोली चलाई तो मैंने  कुछ नहीं सोचा .  उस समय मेरे मन में कोई डर नहीं था… इसलिए मैंने एक को काबू में कर लिया और नैन ने दूसरे को पकड़ लिया. ” सब इंस्पेक्टर संजीव पहले दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में रहते इस तरह अनुभव रखता है और प्रशिक्षित भी था. स्नाजिव का कहना है कि इससे उनको मदद भी मिली.

सिपाही राहुल  नैन ( rahul nain ) ने कहा, “जब एक स्थानीय व्यक्ति ने हमें झपटमारी के बारे में बताया तो सबसे पहले हमने तुरंत कार्रवाई की. जब मैंने पहली बार मोटरसाइकिल देखी तो मैंने तुरंत बाइक को लात मारी क्योंकि वे भागने की कोशिश कर रहे थे.” राहुल का कहना था  “मेरी तत्काल कार्रवाई के कारण बाइक सवार अपना संतुलन खो बैठा और सड़क पर गिर गया. फिर मेरे वरिष्ठ ने जवाब दिया और एक आरोपी को पकड़ने की कोशिश की.”

अतिरिक्त आयुक्त  मोनिका भरद्वाज ने कहा कि आरोपियों की जांच के दौरान दो पिस्तौल और दस  गोलियां बरामद की गईं हैं जिनमें  इमरान के पास से छह और वारिस के कब्ज़े  से चार हैं . “चोरी की गई  चेन और अपराध में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली गई. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वारिस का आपराधिक इतिहास है और वह 40 से अधिक  मामलों से जुड़ा है, जबकि इमरान की पृष्ठभूमि की पुष्टि की जा रही है,”