हादसा , हल्द्वानी-सितारगंज मार्ग पर चोरगलिया थाना ( police station chorgalia ) क्षेत्र के, शेरनाले में हुआ . बारिश के कारण इसमें खासा भारी पानी आ गया था . रविवार रात करीब 12:30 बजे का वक्त रहा होगा . अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत को लौट रहे इन यात्रियों की फॉर्च्यूनर कार नाले के तेज बहाव में फंसकर बहने लगी. उस वक्त पास में ही कुछ मजदूर काम कर रहे थे और उन्होंने कार चालक को नाला पार करने से मना भी किया था . बावजूद इसके चालक ने नाले में कार डाल दी. पानी तेज़ था और कार बहने लगी. हालात खराब देख मजदूरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी,
सूचना पर चोरगलिया थाने के प्रभारी राजेश जोशी पुलिसकर्मियों की टीम के साथ पहुंचे . पुलिस ने रस्सी की मदद से बचाव अभियान चलाया. एक छोर पर पुलिस के जवानों ने रस्सी कसकर थामी और उसी रस्सी का दूसरा सिरा लिए दूसरे जवान खतरनाक बहाव में गाड़ी की तरफ बढ़ते चले गए. पुलिस जवानों ने कार में बंद यात्रियों को बाहर निकालने के लिए पहले कार के शीशे तोड़े. यह क्षण उन 10 लोगों के लिए मौत के शिकंजे बंधन से आज़ाद होने जैसा था. सबको पानी से बाहर निकाल लिया गया. कुछ को मामूली चोट भर ही आई.
इस कामयाब रेस्क्यू ऑपरेशन ( rescue operation ) में पुलिस को , वहां काम कर रहे मजदूरों व् स्थानीय गांव वालों का काफी सहयोग मिला . जिसने भी यह मंजर देखा उसका कहना था कि वहां पानी का बहाव इतना तेज था कि कोई भी उसमें उतरने की हिम्मत नहीं कर सकता था लेकिन पुलिस के जवानों और उसका साथ देने वाले लोगों की हिम्मत ने तय कर लिया कि 10 लोगों को मौत के मुंह से खींच लाना है.
शेर नाले में 10 तीर्थ यात्रियों का यह रेस्क्यू ऑपरेशन खाकी के हौसले की मिसाल बन गया. इस बचाव अभियान में चोरगलिया थानाध्यक्ष राजेश जोशी के साथ सिपाही दिनेश लाल, अंकुश चन्याल, जगदीश सिंह और मोहम्मद नजीर थे . उनकी मदद करने वाले दर्जन भर लोगों में से कुछ के नाम मंगल सिंह, भरत सिंह, आनंद कलैल, केशू बजेठा, दिनेश परगाई, चेतन जोशी, ललित गुरुरानी, मुकेश गोस्वामी बताए जाते हैं.
पहाड़ी क्षेत्रों में तीर्थ और पर्यटन के लिए जाने वाले लोगों के हादसे में शिकार होने की खबरें लगातार आ रही हैं . उत्तराखंड में तो हाल फिलहाल में कई घटनाएं हुई हैं . बरसात के दिनों के आजकल के मौसम में ऐसी यात्राएं करने से बचने की सलाह दी जाती है . सडक मार्ग ही नहीं हवाई मार्ग भी सुरक्षित नहीं है . हाल में हेलीकॉप्टर भी हादसे का शिकार हुआ था. बरसात के दिनों में पहाड़ की यात्रा यूं भी जोखिम भरा है और खासतौर पर रात के वक्त यात्रा से बचना चाहिए .