आईपीएस प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के नए अध्यक्ष

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उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ( फाइल फोटो )
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ( फाइल फोटो )

उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख रहे प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ( uttar pradesh education selection commission ) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है . भारतीय पुलिस सेवा के 1990 बैच के अधिकारी  प्रशांत कुमार इसी मई के महीने में रिटायर हुए थे . हालांकि यूपी सरकार उनको पुलिस प्रमुख के तौर पर कुछ अरसा और रखना चाहती थी लेकिन केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने इसके लिए हरी झंडी नहीं दी थी. अब यूपी के राज्यपाल की तरफ से  बुधवार को श्री कुमार को यूपीईएससी  का अध्यक्ष नियुक्त करने संबंधी अधिसूचना जारी की गई है.

अधिसूचना के मुताबिक़ आईपीएस प्रशांत कुमार तीन साल के लिए उत्तर प्रदेश  शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष होंगे. प्रशांत कुमार का तीन साल का कार्यकाल होगा. यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के जरिए यूपी में माध्यमिक और उच्च शिक्षा के टीचरों की भर्ती होती है.
उत्तर प्रदेश में 2022 से टीचरों की भर्ती अटकी हुई हैं . बड़ी संख्या में टीचरों के पद रिक्त हैं . टीचर्स की भर्ती को पारदर्शी व  जल्द सुचारू करना श्री कुमार के लिए सबसे महत्वपूर्ण और चुनौती वाला काम होगा.

उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न  स्तर पर चल रही एडेड कॉलेजों की शिक्षक भर्तियों के लिए नए आयोग का गठन किया था.  इसके लिए 5 सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रो. कीर्ति पांडेय को आयोग पहला अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन एक साल बाद ही 22 सितंबर 2025 को प्रो पाण्डेय ने  अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.  वहीं लंबी कवायद के बाद भी आयोग में भर्तियां नहीं शुरू हो सकी थीं . वहीं इस वजह से अभ्यर्थी आन्दोलन कर रहे हैं जिसमें लगातार धरना-प्रदर्शन शामिल है .

 प्रशांत कुमार को यूपीईएससी का अध्यक्ष नियुक्त करने संबंधी अधिसूचना
प्रशांत कुमार को यूपीईएससी का अध्यक्ष नियुक्त करने संबंधी अधिसूचना

मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के रहने वाले आईपीएस प्रशांत कुमार  ( ips prashant kumar ) जनवरी  2024 में उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया बनाए गए थे और मई 2025 तक इस ओहदे पर रहे . उनका नाम उन अधिकारियों की फेहरिस्त में शुमार किया जाता है जो उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वासपात्र समझे जाते हैं. यूपी में मई 2027 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. संभवत इसी के मद्दे नजर वर्तमान मुख्यमंत्री प्रशांत कुमार की पुलिस प्रमुख पद पर तैनाती कायम रखना चाहते थे लेकिन  इसके लिए सेवा विस्तार होना ज़रूरी था.  केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने आईपीएस प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं दिया. मई 2025 में श्री कुमार सेवामुक्त हो गए लेकिन अब सात महीने बाद  शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष के नाते उनकी शासन में एक तरह से वापसी भी हुई है .

केंद्र सरकार की तरफ से  सेवा विस्तार न दिए जाने पर राज्य सरकार की तरफ उस अधिकारी की दूसरे रास्ते से अहम नियुक्ति की इस घटना को  एक बड़ा वो तबका इस नियुक्ति को राजनीतिक चश्मे से भी देख रहा है जो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रतिद्वंद्वी मानता है .  इस प्रतिद्वंदिता के मूल में पुराना इतिहास तो रहा ही है वहीं भविष्य की सियासत भी इसका एक कारण है जिसमें प्रधानमन्त्री की कुर्सी के उत्तराधिकार की लड़ाई को आधार माना जा रहा है . गुजरात की राजनीति से लेकर केंद्र सरकार में सत्तारूढ़ होने तक श्री मोदी और श्री शाह का जुड़ाव जग ज़ाहिर है. ऐसे में एक तबका अमित शाह को मोदी के पद के उत्तराधिकारी के तौर पर देखता है . वहीं भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सियासत के हिसाब  एक अन्य तबका योगी को इसके लिए मुफीद मानता है.