भारतीय अफसरशाही के लिए इससे दुखद , दुर्भाग्यपूर्ण , भयानक , विवादित और शर्मनाक घटना शायद ही कभी हुई हो. भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी वाई पूरन कुमार का आत्महत्या करना और उससे जुडी परिस्थितियों का जो खुलासा अब हो रहा है वो अफसरशाही और भारतीय तंत्र की कई कमजोरियों का विश्लेषण करके उन्हें दूर करने ज़रूरत भी महसूस कराता है . पद , पैसा , प्रतिष्ठा , प्रतिभावान व हर तरह से सक्षम जीवन साथी और खुशहाल परिवार होने के बावजूद एक ऐसे अधिकारी का आत्महत्या करना जो अपराध व अपराध की दुनिया से निपटने के लिए प्रशिक्षित व ज़िम्मेदार हो सच में झकझोड़ देता है. यह घटना किसी भी तंत्र और समाज के लिए खतरे की घंटी भी है .
हरियाणा में तैनात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ( ips officer ) वाई पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी कुमार ने हरियाणा पुलिस के प्रमुख शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ अपने पति को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. चंडीगढ़ पुलिस को दी गई इस शिकायत में उन्होंने तत्काल एफआईआर दर्ज करने और दोनों वरिष्ठ अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की है.
भारतीय पुलिस सेवा के 2001 बैच के अधिकारी 52 वर्षीय वाई पूरन कुमार (ips y puran kumar) ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने घर पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. आईपीएस वाई पूरन कुमार ने एक वसीयत तैयार की और उसे 9 पन्नों के सुसाइड नोट के साथ अपनी पत्नी, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ( amneet p kumar) को भेज दिया था. अमनीत उस समय जापान में आधिकारिक ड्यूटी पर गई हुई थीं. पति की तरफ से भेजे गए सन्देश को पढ़ने के बाद अमनीत ने घबराहट अपने पति को 15 बार फोन किया. जब न तो पति ने फोन उठाया और न ही किसी अन्य ने तो अमनीत ने अपनी छोटी बेटी को फोन किया. बेटी खरीदारी के लिए गई हुई थी , वो फ़ौरन लौटी लेकिन अपने पिता को बेसमेंट में एक आरामकुर्सी पर बेजान हालत में पाया.
वाई पूरन कुमार का हाल ही में रोहतक रेंज से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में तबादला हुआ था लेकिन उन्होंने अभी नया कार्यभार नहीं संभाला था . अपने नोट में, उन्होंने सेवारत और सेवानिवृत्त आईएएस और आईपीएस अधिकारियों समेत दर्जन भर अधिकारियों के नाम लिए और उन पर मानसिक उत्पीड़न, प्रशासनिक पक्षपात और जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर पर विशेष आरोप लगाए हैं. इनमें वाई पूरन कुमार को बकाया राशि मिलने पर लगाई गई आपत्ति भी शामिल थी, जिससे वाई पूरन कुमार के बैच के अधिकारियों को वित्तीय नुकसान हुआ. दिवंगत आईपीएस अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि डीजीपी ने सरकारी आवास आवंटित करने में अतिरिक्त नियम लागू किए, उनके आवास के अनुरोध में बाधा डालने के लिए एक झूठा हलफनामा प्रस्तुत किया और उन्हें परेशान करने के लिए नवंबर 2023 में उनका सरकारी वाहन वापस ले लिया.
वाई पूरन कुमार ने 6 अक्टूबर को वसीयत का मसौदा तैयार किया था जिसमें उन्होंने अपनी सारी संपत्ति अपनी पत्नी के नाम कर दी.
समाचार मीडिया में सूत्रों के अनुसार दी गई जानकारी में कहा गया है कि 7 अक्टूबर की सुबह, आईपीएस वाई पूरन कुमार अपने उस रसोइए प्रेम सिंह के साथ घर पर थे जो छह साल से परिवार के लिए काम कर रहा है . प्रेम सिंह ने बताया कि सुबह तकरीबन 10 बजे, वाई पूरन कुमार ने कहा कि वह बेसमेंट में जा रहे हैं. उन्होंने रसोइए से कहा कि कोई उन्हें परेशान न करे. वाई पी कुमार ने यह भी कहा कि वह अपने कुत्ते को टहलाने नहीं ले जाएंगे . साथ ही फिर से ज़ोर देकर कहा कि कोई भी नीचे बेसमेंट में न आए. लगभग 11 बजे, वाई पूरन कुमार प्रेम सिंह से दोपहर के भोजन के लिए पूछने के लिए ऊपर गए और फिर वापस बेसमेंट में चले गए. इस बीच अमनीत लगातार अपने पति को फ़ोन करती रहीं.
हरियाणा सरकार में कार्यरत सचिव स्तरीय आईएएस अधिकारी अमनीत कौर ने चण्डीगढ़ पुलिस को बुधवार की रात दी अपनी लिखित शिकायत में मांग की है कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 ( आत्महत्या के लिए उकसाना ) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति ( अत्याचार निवारण ) अधिनियम के प्रावधान के तहत प्राथमिकी ( first information report ) दर्ज की जाए. उन्होंने इलज़ाम लगाया है कि उनके ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी पति वाई पूरन कुमार को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और 6 अक्टूबर को रोहतक के एक केस में फंसाने की साजिश रची गई.
उल्लेखनीय है कि रोहतक की पुलिस ने एक हवलदार को गिरफ्तार किया था जिसने एक व्यवसायी से हर महीने ढाई लाख रूपये देने की मांग की थी. यह हवलदार आईपीएस वाई पी कुमार के स्टाफ मेइउन हुआ करता था . उसने व्यवसायी से यह रकम लेने के लिए वाई पूरन कुमार का नाम लिया था. इसका खुलासा रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया ने हवलदार की गिरफ्तारी के बाद किया था.