यूपी में चलती ट्रेन से उतार गिरफ्तार किए गए पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर

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पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पत्नी नूतन ठाकुर के साथ (फाइल फोटो )
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पत्नी नूतन ठाकुर के साथ (फाइल फोटो )
खुद को जबरिया रिटायर कहलाने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस  के पूर्व महानिरीक्षक अमिताभ ठाकुर को यूपी पुलिस  ने  उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे. पुलिस ने उनको चलती ट्रेन में जब  गिरफ्तार किया तब  वह सो रहे थे . यह गिरफ्तारी करीब करीब  वैसे थी  जैसे अपराध करके बचने के लिए फरार हो रहे किसी शातिर अपराधी को धर दबोचा  जाता है .
 अमिताभ ठाकुर की यह  गिरफ्तारी तकरीबन ढाई दशक पहले एक ऐसे प्लाट के आवंटन में गड़बड़ी में भूमिका निभाने के मामले में की गई जो उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर लिया गया था. बड़े सियासी नेताओं से टकराने से लेकर कुछ अन्य विवादों के कारण सुर्ख़ियों में रहने वाले अमिताभ ठाकुर को फिलहाल देवरिया की अदालत ने  23 दिसम्बर तक  न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है.

भारतीय पुलिस सेवा के 1992 बैच के अधिकारी अमिताभ ठाकुर (ips amitabh thakur)  2021 तक उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में थे. वे अधिकार सेना नाम के  सियासी दल के अध्यक्ष भी हैं. उनकी पार्टी ने चुनावों में कुछ उम्मीदवार भी उतारे जिनमें से कोई विजयी तो नहीं हुआ. अक्सर सरकार की आलोचना करने के कारण भी उनको मुश्किलो का सामना  करना पड़ता  रहा  है. नेताओं के साथ उनकी टकराहट के कई किस्से हैं जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व  मुख्यमंत्री मुलायम सिंह से उनकी बातचीत की रिकार्डिंग काफी चर्चित रहा. यह 2015 की बात है . तब मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. श्री ठाकुर ने मुलायम सिंह के खिलाफ उनको धमकाने का आरोप लगाया था और अदालत के आदेश के बाद इसमें  एफआईआर दर्ज की गई थी. श्री ठाकुर तब निलंबित कर दिए गए थे .
उत्तर प्रदेश के  वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन से भी उनका टकराना चलता रहता है . योगी शासन काल में 2021 में अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायर किया गया. तब वे यूपी पुलिस के महानिरीक्षक थे. अपने घर की नेम प्लेट पर जबरिया रिटायर अधिकारी लिखने के कारण तब वे सुर्ख़ियों में आए थे.

पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर  के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हुए . गिरफ्तारी वाला यह ताज़ा  प्रकरण हालांकि  1999 का है जब अमिताभ ठाकुर देवरिया जिले के पुलिस कप्तान थे लेकिन इसमें एफआईआर सितंबर 2025 में दर्ज कराई गई है.

अमिताभ ठाकुर के खिलाफ मामला :

लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी  संजय शर्मा की तरफ से  थाना तालकटोरा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, अमिताभ  ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज़ सेंटर देवरिया में इंडस्ट्रियल प्लॉट नंबर बी -2 का अलॉटमेंट “नूतन देवी” नाम से, पति का नकली नाम “अभिजात/अभिताप ठाकुर” और बिहार के सीतामढ़ी में एक नकली पते का इस्तेमाल करके किया था. शिकायत में आरोप लगाया गया कि सरकारी विभाग  को धोखा देने के लिए कई फर्जी दस्तावेज़  बनाए गए थे,  जिसमें एप्लीकेशन फॉर्म, एफिडेविट, ट्रेजरी चालान और ट्रांसफर डीड शामिल हैं.

पुलिस का कहना है कि उस समय जिला पुलिस प्रमुख के तौर पर, अमिताभ ठाकुर ने कथित तौर पर फर्जी अलॉटमेंट को आसान बनाने और बचाने के लिए अपने आधिकारिक ओहदे  का गलत इस्तेमाल किया. बाद में प्लॉट को ठाकुर दम्पति  की असली पहचान का इस्तेमाल करके बेच दिया गया, जिससे सरकारी महकमे , बैंक और दूसरे हितधारक  “सालों तक धोखा खाते रहे”. इस  शिकायत के आधार पर 12 सितंबर, 2025 को तालकटोरा थाने में आईपीसी  की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 34 और 120- बी  के तहत प्राथमिकी  दर्ज की गई.

इस मामले की जांच के लिए लखनऊ पश्चिम के उपायुक्त विश्वजीत श्रीवास्तव  ने  सहायक पुलिस आयुक्त राजकुमार सिंह ( acp rajkumar singh ) के नेतृत्व में विशेष जांच दल ( special investigation team ) का गठन किया था . जिसने उत्तर प्रदेश और बिहार में गहन छानबीन करने , गवाहों के बयान लेने  और प्रमाण जुटाने के बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई की. उनको सीतापुर – महोली सीमा पर गिरफ्तार किया गया . क्यूंकि पूरा प्रकरण देवरिया से जुडा  है इसलिए श्री ठाकुर को देवरिया की अदालत में पेश किया गया.

यह कहना है नूतन ठाकुर का :
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की पत्नी सोशल  नूतन ठाकुर ( nutan thakur ) वकील भी हैं और  सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं . उनका कहना है कि उनके पति  ट्रेन से दिल्ली जा रहे थे.  शाहजहांपुर में सादे कपड़ों में आधी रात कुछ लोग ट्रेन में घुसे और उनको साथ ले गए.  पहले खबर यह आई कि अमिताभ ठाकुर को अगवा किया गया है.  बाद में नूतन ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने फोन पर सूचना दी कि  अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है. दूसरी तरफ नूतन ठाकुर का कहना है कि यह एक सामान्य सिविल  विवाद  है जिसे आपराधिक केस बना दिया गया.