
पंजाब पुलिस की रोपड़ रेंज के उप महानिरीक्षक ( deputy inspector general) हरचरण सिंह भुल्लर को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( central bureau of investigation ) ने रिश्वतखोरी के मामले में रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए भुल्लर को फिलहाल पुलिस रिमांड पर लेने की ज़रूरत नहीं समझी. शायद इसीलिए जांच एजेंसी ने रिमांड पर दबाव नहीं डाला.
डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर ( dig harcharan singh bhullar ) को पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ के एक स्क्रैप डीलर आकाश बट्टा से आठ लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसमें से पांच लाख रूपये उन्होंने एक बिचौलिए कृशानु के ज़रिए वसूले थे. सीबीआई (cbi ) ने भुल्लर को शुक्रवार को रोपड़ की विशेष अदालत में पेश किया.
भारतीय पुलिस सेवा ( indian police service ) के 2007 बैच के अधिकारी हरचरण सिंह भुल्लर के पंजाब और चंडीगढ़ स्थित विभिन्न ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी जारी है जिसमें समराला स्थित उनका फार्म हाउस भी शामिल है.

जांच एजेंसी ने बताया कि छापेमारी में अब तक 7.5 करोड़ रुपये की नकदी , ढाई किलोग्राम सोने के आभूषण और रोलेक्स व राडो जैसे महंगे ब्रांड सहित 26 कलाई घड़ियाँ जब्त की गईं.
सीबीआई ने एक बयान में कहा कि समराला स्थित हरचरण सिंह भुल्लर के फार्महाउस पर मारे गए छापे में शराब की 108 बोतलें , 5 लाख 70 हज़ार रुपये की नकदी और 17 कारतूस बरामद हुए हैं. सीबीआई ने कहा कि दस्तावेजी और वित्तीय साक्ष्यों की पुष्टि की प्रक्रिया जारी है.
बयान में आगे कहा गया है, “डीआईजी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजाब में विभिन्न स्थानों पर स्थित 50 अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज़ भी बरामद किए गए हैं.” साथ ही, एजेंसी ने बैंक लॉकर की चाबियाँ, कई बैंक खातों का ब्यौरा , चार हथियार ( आग्नेयास्त्र) और 100 कारतूस भी ज़ब्त किए हैं.
भुल्लर और सह- अभियुक्त कृशानु को कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष न्यायाधीश अलका मलिक की सीबीआई अदालत में पेश किया गया और जांच एजेंसी द्वारा रिमांड पर दबाव न डालने पर, डीआईजी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दोनों को चंडीगढ़ के सेक्टर 51 स्थित मॉडल जेल ( बुड़ैल जेल ) ले जाया गया और 30 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए उन्हें फिर से अदालत में पेश किया जाएगा.सीबीआई की तरफ से पेश सरकारी वकील नरेंद्र सिंह ने अदालत को बताया कि आरोपी से भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ है और न्याय के हित में उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए.
सीबीआई ने अदालत को बताया, “एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में आरोपी के पद, स्थिति और प्रभाव को देखते हुए, इस बात की प्रबल और उचित आशंका है कि अगर उसे रिहा किया गया, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है, सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है और सुचारू जांच में रुकावट डाल सकता है इसलिए, न्याय के हित में, यह प्रार्थना की जाती है कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए.”
आरोप है कि हरचरण सिंह भुल्लर ने आकाश बट्टा के खिलाफ सरहिंद पुलिस स्टेशन में दर्ज एक एफआईआर को निपटाने में मदद करने के बदले में कृशानु नामक एक बिचौलिए के माध्यम से रिश्वत मांगी थी . भुल्लर को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था . दालत से बाहर आते हुए, डीआईजी ने कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है और उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.
इस बीच, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आकाश बट्टा द्वारा दायर एक याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें उन्होंने अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की जान को खतरा बताते हुए पर्याप्त सुरक्षा की मांग की थी. यह मामला न्यायमूर्ति अमन चौधरी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था. आकाश बट्टा के वकील राहुल भार्गव ने बताया कि अदालत ने दलीलें सुनने के बाद, पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सीबीआई को बत्ता और उनके परिवार को खतरे की आशंका का आकलन करने और उसके बाद उचित कदम उठाने का निर्देश दिया. अदालत के विस्तृत आदेश का इंतज़ार है. आकाश ने अपनी याचिका में, डीआईजी से खतरा होने का दावा किया था.
हरचरण सिंह के केस में अब तक की जब्ती:
चंडीगढ़ स्थित आवास से 7.5 करोड़ रुपये , ढाई किलो सोने के जेवर , 26 लग्जरी घड़ियां और 50 से ज़्यादा अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज़ जब्त किए गये.
फार्महाउस से 108 बोतल शराब. 5 लाख 70 हज़ार रूपये और 17 कारतूस.