
नौगाम थाने में हुए इस धमाके का ब्यौरा जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने शनिवार को श्रीनगर में संवाददाता सम्मेलन में दिया. श्री प्रभात ने कहा कि 10 नवंबर को फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, रसायन और अभिकर्मक बरामद किए गए थे . बरामदगी के नमूनों को आगे की फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जाना था. बरामदगी की मात्रा काफी ज्यादा होने की वजह से इसे थाना परिसर में सुरक्षित तरीके नसे खुले में रखा गया था. तयशुदा प्रक्रिया अपनाते हुए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की टीम दो दिन से ( गुरुवार और शुक्रवार ) काम कर रही थी द्वारा यह प्रक्रिया पिछले दो दिन से चल रही थी. इसमें सावधानी भी बरती जा रही थी .
पुलिस महानिदेशक का कहना था कि दुर्भाग्य से, इसी दौरान, शुक्रवार रात लगभग 11.20 बजे, एक आकस्मिक विस्फोट हुआ. उनका कहना था कि यह महज़ एक हादसा था जिसका कारण अभी पता नहीं चला लेकिन इस घटना के कारण के बारे में कोई और अटकलें लगाना अनावश्यक है.
डीजीपी नलिन प्रभात ( dgp nalin prabhat ) ने बताया कि मारे गए नौ लोगों में जम्मू-कश्मीर पुलिस ( jammu kashmir police) के एक विशेष जांच दल (एसआईए) के जवान, एफएसएल ( sfl ) टीम के तीन सदस्य, दो क्राइम सीन फ़ोटोग्राफ़र, मजिस्ट्रेट की टीम में शामिल दो राजस्व अधिकारी और टीम से जुड़ा एक दर्जी शामिल हैं.32 घायलों में 27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी और नौगाम पुलिस स्टेशन से सटे इलाके के तीन नागरिक शामिल हैं.
डीजीपी ने कहा, “पुलिस स्टेशन की इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है और आसपास की इमारतें भी प्रभावित हुई हैं. नुकसान किस हद तक हुआ , इसका पता लगाया जा रहा है. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की जांच की जा रही है.”
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस, फोरेंसिक विशेषज्ञ और राजस्व अधिकारी नमूने इकट्ठा कर रहे थे और उन्हें छोटे बैगों में रख रहे थे, तभी विस्फोट हुआ. ये विस्फोटक नौगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर संख्या 162 की जांच के तहत फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद बरामद किए गए विस्फोटकों का हिस्सा थे.
दिल्ली में लाल किला विस्फोट 19 अक्टूबर को नौगाम में दर्ज उस मामले से जुड़ा है जब आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर बरामद हुए थे. इन पोस्टरों में “भयानक हमले” की चेतावनी दी गई थी. जांच के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक अंतरराज्यीय जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और लगभग 3,000 किलोग्राम ज्वलनशील पदार्थ, रसायन और अभिकर्मक जब्त किए. शोपियां के इरफान वागे सहित दो मौलवी और कई डॉक्टर इस मॉड्यूल का हिस्सा थे.
पुलिस ने सार्वजनिक जगह पर पोस्टर लगाए जाते समय की सीसीटीवी फुटेज की जांच की और उसमें दिखाई देने वाले तीन पकड़ा तो पता चला कि वे पूर्व में पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल थे. उनसे पूछताछ के दौरान, मौलवी इरफान वागे का नाम सामने आया. वह श्रीनगर के छानपोरा में मस्जिद में इमाम (धार्मिक उपदेशक) था. पुलिस ने पाया कि वह आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) के शहरी सहायता प्रकोष्ठों के व्यापक नेटवर्क का हिस्सा था.
पूछताछ के बाद, पुलिस ने नौगाम निवासी आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, गांदरबल निवासी ज़मीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा, पुलवामा के कोइल गांव निवासी डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब और कुलगाम निवासी डॉ. आदिल राथर को गिरफ्तार किया. पुलिस ने इरफान वागे के घर से जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर भी बरामद किए.
2,563 किलोग्राम विस्फोटकों की यह खेप 10 नवंबर की सुबह मेवात निवासी और फरीदाबाद की ढेरा कॉलोनी स्थित अल फलाह मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ मोहम्मद इश्तियाक के घर से बरामद की गई. इसके बाद की गई छापेमारी में 358 किलोग्राम अतिरिक्त विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर और टाइमर ज़ब्त किए गए.
इन ऑपरेशनों के दौरान, मॉड्यूल का हिस्सा और अल फलाह मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक के रूप में कार्यरत डॉ. उमर उन नबी ने कथित तौर पर 10 नवंबर की शाम को लाल किले की व्यस्त ट्रैफिक में अपनी कार में विस्फोट किया. यह विस्फोट फरीदाबाद में जमा की गई उसी तरह की सामग्री से हुआ था.












