चंडीगढ़ में सुखना किनारे तीन दिवसीय मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल का तीसरा संस्करण शुरू

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मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे संस्करण का उद्घाटन भी पंजाब के राज्यपाल वी पी एस बदनौर ने किया.

भारतीय सेनाओं, सैनिकों और राष्ट्रीय सुरक्षा के तमाम पहलुओं को छूने वाला मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल चंडीगढ़ में सुखना झील के मुहाने फिर से लोगों के लिए सौगातें लेकर आया है. कुरबानी, देशभक्ति और जोश से भरपूर ये अनूठा आयोजन सेना और नागरिक प्रशासन की वो खूबसूरत पहल है जिसकी शुरुआत तीन साल पहले हुई थी. आज सर्द सुबह के बीच इसके तीसरे संस्करण का उद्घाटन भी पंजाब के राज्यपाल वी पी एस बदनौर ने किया.

हालाँकि पूर्व तय कार्यक्रम के मुताबिक़ भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को उद्घाटन करना था. न तो राजनाथ सिंह और न ही उद्घाटन के अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री मौजूद थे जबकि इस सैनिक उत्सव की तीन साल पहले राज्यपाल बदनौर की परिकल्पना को अमली जामा पहनाने में कैप्टन अमरिंदर सिंह का ही मुख्य रोल था. सैनिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले अमरिंदर सिंह, सियासत में आने से पहले, खुद भी भारतीय सेना में सेवायें दे चुके हैं.

मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल

मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल के उद्घाटन के अवसर पर उन पलों का ज़िक्र करते हुए श्री बदनौर ने बताया कि 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की, सारागढ़ी युद्ध पर लिखी गई, किताब के विमोचन के अवसर पर उनको ऐसे फेस्टिवल का विचार आया था जिसकी उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह से चर्चा की थी. उसी साल ये फेस्टिवल शुरू किया गया जिसमें सेना समेत तमाम हितधारकों ने पहले दिन से सहयोग दिया. चण्डीगढ़ प्रशासन, सेना और पंजाब सरकार के सहयोग से आयोजित किये जा रहे जा रहे इस आयोजन में पंजाब का संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय नोडल एजेंसी की भूमिका अदा कर रहा है. इस मंत्रालय के प्रभारी चरनजीत सिंह चन्नी भी उद्घाटन के मौके पर मौजूद थे.

मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल

राज्यपाल बदनौर ने मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजन की अहमियत का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन के लिए पंजाब की धरती से ज्यादा बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती क्यूंकि यही वह क्षेत्र है जहां के बाशिंदों ने विदेशी आक्रान्ताओं के सबसे ज्यादा हमले झेले और उनका मुकाबला किया. उन्होंने और भी पुरातन इतिहास का ज़िक्र किया महाभारत के युद्ध के रूप में. उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा काव्य और गीता का उपदेश महाभारत से ही निकला. हालाँकि उन्होंने इस बात का भी ज़िक्र किया कि किसी भी समस्या का हल युद्ध नहीं है. राज्यपाल वी पी एस बदनौर ने महात्मा गांधी और गुरु नानक के अहिंसा व शांति के संदेश का भी इस सन्दर्भ में ज़िक्र किया. उन्होंने सैन्य सामान बनाने में मेक इन इण्डिया का ज़िक्र करते हुए कहा कि मेक इन इण्डिया के तहत 3000 करोड़ रूपये का ऐसा साजो सामान बनना है जो सेना के लिए होगा.

मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल

इस अवसर पर भारतीय थल सेना की पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल रविंदर पाल सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि ये देश का सबसे अनूठा लिटरेचर फेस्टिवल है. उन्होंने कहा कि सेना के इस तरह के कार्यक्रमों में अन्य वर्गों की भागीदारी से नये विचार आते हैं जो सेना के काम में भी मददगार होते हैं. साथ ही ये आयोजन देश और क्षेत्रीय सुरक्षा के वातावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक अवसर होता है.

इस अवसर पर भारत के पूर्व सेना प्रमुख वी पी मलिक, पूर्व वायु सेना प्रमुख बी एस धनोआ, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लान्बा भी मौजूद थे. ये तीनों ही ट्राईसिटी चंडीगढ़ में रहते हैं. वैसे इस क्षेत्र में मेजर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के 200 से ज़्यादा रिटायर्ड अधिकारी रहते हैं. मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल के अवसर पर हर बार किसी शूरवीर को सम्मानित करने की प्रथा बन गई है जिसके तहत इस बार कारगिल युद्ध के दौरान परम वीर चक्र से सम्मानित किये गये सूबेदार मेजर योगेन्द्र यादव को सम्मानित किया गया.

सूबेदार मेजर योगेन्द्र यादव को सम्मानित किया गया.

लिटरेचर फेस्टिवल के उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए फेस्टिवल की आयोजन समिति के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) टी एस शेरगिल ने सबका स्वागत किया. जनरल शेरगिल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्य सलाहकार भी हैं.

पिछले साल तीन दिवसीय इस आयोजन में तकरीबन 65 हज़ार लोगों ने शिरकत की थी हालांकि आयोजकों का मानना था कि इस बार उससे भी ज्यदा दर्शक यहाँ आयेंगे. वैसे तीन दिन से चंडीगढ़ में चल रही बारिश ने आज फेस्टिवल का मज़ा दोपहर बाद तो एकदम किरकिरा कर डाला. इनडोर कार्यक्रम तो हुए लेकिन खुले आसमान में होने वाले आयोजनों का मज़ा लेने से दर्शक महरूम रह गये. जगह जगह लगाये गये स्टाल पर भी मौसम की मार पड़ी.

खाने पीने के सामान को छोड़ दें तो बाकी स्टाल पर रौनक नदारद रही. विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनी और सेना व सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार चर्चाएँ दिलचस्प तरीके से हुई. एम टीवी के शो स्टार रणविजय सिंह भी ऐसी ही एक चर्चा में शामिल हुए. सैनिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले रणविजय ने सैनिक परिवार में भरण पोषण और इस दौरान मिलने वाले संस्कारों का खूबसूरती से ज़िक्र किया जो यहाँ आये स्कूली छात्र छात्राओं के लिए प्रेरणादायक था. उन्होंने कई दिलचस्प संस्मरण सुनाये और इस दौरान उनके रिटायर्ड फौजी पिता के साथ चाचा और मां भी मौजूद थे.