लेफ्टिनेंट जनरल वीरेन्द्र वत्स ( lt gen virendra vats ) ऐसे समय में एनसीसी के प्रमुख के तौर पर नया कार्यभार संभाल रहे हैं जब दुनिया का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन, एनसीसी, 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में अपने कैडेटों की संख्या 20 लाख तक बढ़ा रहा है.
17 दिसंबर, 1988 को भारतीय सेना की 19 कुमाऊं रेजिमेंट ( kumaon regiment ) में कमीशन प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स अपने साथ 37 वर्षों का विशिष्ट अनुभव लेकर आए हैं. उनके पास उग्रवाद-रोधी और आतंकवाद-रोधी परिस्थितियों में काम करने का अनुभव है और उन्होंने अरुणाचल प्रदेश, कश्मीर घाटी और सेना मुख्यालय में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत एक इन्फैंट्री ब्रिगेड ( infantry brigade ) की भी कमान संभाली है. इस नियुक्ति से पहले वे वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में कमांडेंट ( commandant) थे.
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (खड़कवासला), भारतीय सैन्य अकादमी( देहरादून), रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय (सिकंदराबाद) और राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (नई दिल्ली ) के पूर्व छात्र, लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स एनसीसी में अपने साथ संचालन और नेतृत्व का व्यापक अनुभव लेकर आए हैं.
रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है ,” उनकी विशेषज्ञता और दूरदर्शिता से एनसीसी को नए जोश के साथ आगे बढ़ाने और राष्ट्र के लिए अनुशासित, जिम्मेदार और भविष्य के युवाओं को तैयार करने में इसकी भूमिका को और बढ़ाने की उम्मीद है.”