सेना की वर्दी धारण कर पांच पीढ़ियों वाले सैनिक परिवार की बेटी लेफ्टिनेंट पारुल ने इतिहास रचा

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भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह के साथ लेफ्टिनेंट पारुल , उनके माता - पिता और भाई .
भारतीय सेना  (indian army) के इतिहास में यह शायद पहली बार हुआ है जब पांच पीढ़ियों से सेना में सेवा कर रहे किसी परिवार की बेटी भी हिस्सा बनी और वो भी तब जब उसके पिता और भाई दोनों ही सेना में सेवारत हों . सैनिक परिवार की इस बेटी का नाम है लेफ्टिनेंट पारुल डडवाल  (lt parul dadhwal) जिसने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ग्रेजुएशन करके सेना की आयुध कोर ( (ordnance corps) में कमीशन हासिल किया है.

  यही नहीं लेफ्टिनेंट पारुल ने अपने कोर्स में पहला स्थान भी हासिल किया . इसके लिए सम्मान के तौर पर लेफ्टिनेंट पारुल को राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक (president gold medal) भी प्रदान किया गया . यह लेफ्टिनेंट पारुल डडवाल की असाधारण जूनून और काबिलियत भी दिखाता है . 

  पंजाब के होशियारपुर जिले के जनाउरी ( janauri ) गाँव की रहने वाली लेफ्टिनेंट पारुल  , एक ऐसे इलाके से आती हैं जो अपनी मजबूत सैन्य परंपरा के लिए मशहूर है. उनकी कमीशनिंग एक खास पल है, जहाँ पुरानी परंपरा और आधुनिकता एक साथ मिलती हैं, क्योंकि परिवार की बेटी पहली बार थल सेना की ओलिव ग्रीन वर्दी पहन रही है

 सेना के एक अधिकारी ने कहा , “एक ही परिवार की दो पीढ़ियों से तीन मौजूदा अधिकारियों का होना दुर्लभ  मिसाल पेश करता है .यह देश के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है. लेफ्टिनेंट पारुल डडवाल की कमीशनिंग न केवल इस शानदार सैन्य परंपरा को मजबूत करती है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाती है.
  सेना में  सेवा की डडवाल की परंपरा 74वीं पंजाब रेजिमेंट के सूबेदार हरनाम सिंह तक जाती है, जो उनके परदादा थे और जिन्होंने 1 जनवरी 1896 से 16 जुलाई 1924 तक सेना में सेवा की.  उनके परदादा, मेजर एल.एस. डडवाल 3 जाट रेजिमेंट (3 jat regiment ) में थे, जबकि तीसरी पीढ़ी में कर्नल दलजीत सिंह डडवाल 7 जैक राइफल (JAK Rifle) और ब्रिगेडियर जगत जामवाल 3 कुमाऊं ( 3 kumaon ) ने उल्लेखनीय सेवा की.
  लेफ्टिनेंट पारुल ने यह परंपरा जारी रखी है. उनके  पिता मेजर जनरल के.एस. डडवाल और उनके भाई कैप्टन धनंजय डडवाल  भारतीय सेना की 2 सिख रेजिमेंट ( 2 sikh regiment ) में सेवा कर रहे हैं.