स्पेन ने भारत को कई खासियत वाले सामरिक महत्व के 16 एयरबस सी-295 (airbus c 295) विमानों की खेप सप्लाई करने की ज़िम्मेदारी पूर्व निर्धारित समय से दो महीने पहले ही पूरी कर ली है. इस श्रेणी के बाकी 40 विमान भारत में ही बनाए जाएंगे . स्पेन से एयरबस सी -295 की खेप का आखिरी विमान शनिवार को भारतीय राजदूत दिनेश के. पटनायक ने सिविले स्थित एयरबस डिफेंस एंड स्पेस असेंबली लाइन में स्वीकार किया . इस मौके पर भारतीय वायुसेना के कई अधिकारी भी उपस्थित थे .
आधुनिक तकनीक से लैस 5 -10 टन क्षमता वाला विमान एयरबस सी-295 11 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है. माना जा रहा है कि इसका आना भारत की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यह विमान भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो विमानों की जगह लेगा.
भारतीय राजदूत दिनेश के. पटनायक ने एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों की खेप का आखिरी विमान प्राप्त करने की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया करते हुए कहा है ,”निर्धारित समय से दो महीने पहले यह आपूर्ति भारत की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. ”

भारत ने सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना के लिए सी – 295 एम डब्ल्यू ( C-295 MW) परिवहन विमानों की खरीद के लिए स्पेन की एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ एक करार किया था. इसके मुताबिक़ एयरबस सी 295 कार्यक्रम के तहत, कुल 56 विमान वितरित किए जाने हैं, जिनमें से 16 स्पेन से सीधे एयरबस द्वारा वितरित किए जाने थे, और शेष 40 का निर्माण भारत में किया जाएगा.
स्पेन में बने सामरिक महत्व के विमान एयरबस सी -295 को स्पेन के अलावा भारत , मिस्र , पोलैंड , कनाडा , ब्राजील , मैक्सिको , आयरलैंड , पुर्तगाल , आयरलैंड समेत कुछ और देश भी ले चुके है .
भारत में कौन बनाएगा एयरबस सी -295 विमान :
‘ एयरबस सी – 295 ‘ गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में बनेंगे . भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके स्पेनिश समकक्ष पेड्रो सांचेज़ ने पिछले साल अक्टूबर में इस परिसर में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया था. टीएएसएल ने भारत में इन 40 विमानों के निर्माण के लिए ज़िम्मेदारी ली है. यह सुविधा भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली अंतिम असेंबली लाइन (final assembly line – FAL) बन गई है. इसमें विमान के निर्माण से लेकर असेंबली, परीक्षण और योग्यता, तथा विमान की डिलीवरी और रखरखाव तक, पूरे जीवनचक्र के लिए एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का पूर्ण विकास शामिल है. टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड जैसी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ, साथ ही निजी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी इस कार्यक्रम में योगदान देंगे.