जापानी और भारतीय सेनाओं के बीच ‘धर्म गार्जियन 2019’

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सांकेतिक फोटो

भारत और जापान सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के मकसद से पिछले साल से शुरू किया गया संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन-2019’ का 19 अक्टूबर से मिज़ोरम के वैरेंटे में काउंटर इन्सर्जेंसी वारफेयर स्कूल में शुरू होगा जो 2 नवम्बर तक चलेगा. इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (JGSDF-जेजीएसडीएफ) के 25-25 सिपाही अपने-अपने देशों में आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए अपने अनुभव साझा करेंगे.

‘धर्म गार्जियन’ दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग समेत सामरिक संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में भारत में 2018 में शुरू किया था. विशेष रूप से, भारत द्वारा विभिन्न देशों के साथ शुरू किए गए सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों की श्रृंखला में, ‘धर्म गार्जियन’ जापान के साथ शुरू किया एक महत्वपूर्ण अभ्यास है जो वैश्विक आतंकवाद की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में और भी अहमियत रखता है. दोनों पक्ष शहरों में युद्ध जैसी स्थिति बनने पर संभावित खतरों के निराकरण के लिए अनगिनत सामरिक सैन्य अभ्यास के लिए संयुक्त रूप से प्रशिक्षण की व्यवस्था एवं योजना बनाने के साथ-साथ उनका समुचित कार्यान्वयन भी करेंगे. दोनों ही पक्षों के विशेषज्ञ ऑपरेशन से जुड़े तरह तरह के पहलुओं पर अपनी विशेषज्ञता को साझा करने के लिए विस्तृत परिचर्चाएं भी करेंगे.

सेना की तरफ से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि यह संयुक्त सैन्य अभ्यास भारतीय सेना और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज (जेजीएसडीएफ) के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा, जो आगे चलकर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा.

फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ के जमाने में बना स्कूल :

मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वेरेंटे (Vairengte) नगर में चार दशक से भी पुराने काउंटर इन्सर्जेंसी वारफेयर स्कूल में ही पिछले साल ये अभ्यास हुआ था. इस वारफेयर स्कूल की शुरुआत बेहद दिलचस्प तरीके से हुई. ये 1960 के दशक की बात है जब उत्तर पूर्व क्षेत्रों में आतंकवाद और स्थानीय संगठनों की हिंसा खूब थी. वर्तमान बंगलादेश भी तब पाकिस्तान का हिस्सा था और वहां भी हिंसा थी. ऐसे माहौल से निपटने के लिए सेना ने स्थानीय लोगों की सेना में भर्ती और विशेष प्रशिक्षण के नजरिये से मेघालय में जोवल के पास जंगल ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की. ये बात 1967 की तब फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ (Sam Manek shaw) भारतीय सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (GOC -IN -C ) हुआ करते थे. 1968 में इसका नाम बदल कर ईस्टर्न कमांड काउंटर इन्सर्जेंसी स्कूल कर दिया गया. 1 मई 1970 को इसे अपग्रेड करके भारतीय सेना की ट्रेनिंग का ‘ ए ‘ श्रेणी का प्रशिक्षण संस्थान बनाया गया और साथ ही इसे मेघालय से हटाकर वर्तमान स्थान पर मिजोरम में लाया गया और काउंटर इन्सर्जेंसी वारफेयर स्कूल नाम दिया गया. ब्रिगेडियर मैथ्यू थॉमस इसके पहले कमांडेंट थे.