भारत में मानसूनी सीज़न में बारिश में पहाड़ी इलाकों में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से तबाही की त्रासदीपूर्ण घटनाओं का शुरू हुआ सिलसिला जारी है. हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में भयानक तबाही के बाद उत्तराखंड के धराली की भयानक तस्वीरें अभी ज़हन से हटी भी नहीं कि एक अन्य भीषण हादसे ने सबको हिलाकर रख छोड़ा है. अब की बार तबाही की तस्वीरे जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले से आई हैं जहां चिशोती गांव (chishoti) में हुए बादल फटा है .
चिशोती में बृहस्पति वार को बादल फटने से मची तबाही में कई घर, अस्थायी ढांचे और वाहन बह गए हैं. कम से कम 60 लोग मारे गए हैं, 100 से ज़्यादा घायल हुए हैं और कई अन्य लापता हैं. मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शामिल हैं.
चिशोती त्रासदी का उस समय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जब इलाक़ा अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गया था. इसमें पानी का तेज़ बहाव और मचैल माता यात्रा के तीर्थयात्री चीख-पुकार और अफरा-तफरी के बीच अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए दिखाई दे रहे हैं. एक अन्य वीडियो में अचानक आई बाढ़ की भयावहता दिखाई दे रही है, जिसमें पानी तेज़ी से इलाक़े में फैल रहा है, इमारतों को बहा ले जा रहा है और अपने रास्ते में आने वाले पेड़ों को उखाड़ रहा है.
एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, परिवारों ने 75 लोगों के लापता होने की सूचना दी है, हालांकि स्थानीय लोगों और चश्मदीदों का कहना है कि सैकड़ों लोग अचानक आई बाढ़ में बह गए होंगे और पत्थरों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दब गए होंगे. एक अन्य वीडियो में लोगों को भागते, वाहनों से उतरते, नारे लगाते और रोते हुए दिखाई देते हैं .
मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ – cisf) के दो जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शामिल हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ , अधिकारियों ने बताया है कि बचाव टीमों ने मलबे से 167 लोगों को निकाला है, जिनमें से 38 की हालत नाज़ुक है. रिपोर्ट के अनुसार, अचानक आई बाढ़ से कम से कम 16 आवासीय घर और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, एक 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से ज़्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.
जम्मू-कश्मीर ( jammu kashmir) के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने इस घटना के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( narendra modi) से बात की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बहुमूल्य जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि हमें जो भी सहायता की आवश्यकता होगी, उसके लिए केंद्र की ओर से कोई कमी नहीं होगी.