सेना ने पूरे नेपाल में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया , युवाओं के आंदोलन के दौरान उपद्रव

12
आन्दोलन के बीच एक एक प्रदर्शनकारी ने सिंह दरबार में नेपाल के प्रधानमंत्री खड़ग प्रसाद ओली की तस्वीर को आग में फेंक दिया. सिंह दरबार नेपाल सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और कार्यालयों का मुख्य भवन है.
नेपाल में युवाओं के आंदोलन के बीच मचे बवाल के बाद प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को इस्तीफा देकर भागना पड़ा . राजधानी काठमांडू समेत कुछ अन्य शहरों में हुए उपद्रव के बाद कानून व्यवस्था चौपट हो गई. अराजकता जैसी स्थिति के मद्दे नज़र सडकों पर सेना उतर आई और पूरे देश में कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया गया जो बृहस्पतिवार सुबह 6 बजे तक रहेगा .
भीड़ ने प्रधानमन्त्री आवास , कई मंत्रियों के घरों ,  संसद समेत कई इमारतों को अपना निशाना बनाया . सरकार ही नहीं मीडिया भी भीड़ के निशाने परे था. नेपाल के सबसे बड़े मीडिया हाउस के तौर पर उभरे कान्तिपुर न्यूज़ के मुख्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया .
चीन में बैठक से लौटते ही प्रधानमन्त्री ओली ने नेपाल में अमेरिकी डिजिटल माध्यमों और सोशल मीडिया एप्स फेसबुक , यूट्यूब , व्हाट्सएप आदि पर रोक लगा दी थी. लेकिन यह रोक चीन के टिक टोक व एप्स पर नहीं थी. सोशल मीडिया पर रोक को,  जैन  जी   ( gen z ) के तौर पर पहचान रखने वाले युवा वर्ग ने , अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक मानते हुए आन्दोलन शुरू किया. काठमांडू के युवा मेयर और लोकप्रिय रैपर बालन शाह के आह्वान पर हजारों नौजवान एकत्र हो गए थे. अब बालन शाह को नेपाल के अगले प्रधानमंत्री  के तौर पर देखा जा रहा है . युवाओं के एक बड़े वर्ग का कहना है कि आन्दोलन सिर्फ सोशल मीडिया पर रोक को लेकर नहीं बल्कि सरकारी स्तर पर फैले भ्रष्टाचार , बेरोज़गारी , महंगाई और पलायन जैसे समस्याओं को हल करने में नाकाम रही सरकार के विरोध से ताल्लुक रखता है .
शुरुआत में ही 19 लोगों के मारे जाने और कइयों के घायल होने की खबर आ चुकी है .
नेपाल सेना ने बुधवार को, सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे का हवाला देते हुए कहा कि देश में निषेधाज्ञा शाम 5 बजे तक लागू रहेगी, इसके बाद गुरुवार सुबह 6 बजे तक पूरे देश में कर्फ्यू लगा रहेगा.
सेना ने कहा कि आंदोलन के नाम पर, कुछ असामाजिक तत्वों ने लोगों और संपत्ति पर हमला किया और यौन उत्पीड़न की कोशिश की