
नेपाल में युवाओं के आंदोलन के बीच मचे बवाल के बाद प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को इस्तीफा देकर भागना पड़ा . राजधानी काठमांडू समेत कुछ अन्य शहरों में हुए उपद्रव के बाद कानून व्यवस्था चौपट हो गई. अराजकता जैसी स्थिति के मद्दे नज़र सडकों पर सेना उतर आई और पूरे देश में कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया गया जो बृहस्पतिवार सुबह 6 बजे तक रहेगा .
भीड़ ने प्रधानमन्त्री आवास , कई मंत्रियों के घरों , संसद समेत कई इमारतों को अपना निशाना बनाया . सरकार ही नहीं मीडिया भी भीड़ के निशाने परे था. नेपाल के सबसे बड़े मीडिया हाउस के तौर पर उभरे कान्तिपुर न्यूज़ के मुख्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया .
चीन में बैठक से लौटते ही प्रधानमन्त्री ओली ने नेपाल में अमेरिकी डिजिटल माध्यमों और सोशल मीडिया एप्स फेसबुक , यूट्यूब , व्हाट्सएप आदि पर रोक लगा दी थी. लेकिन यह रोक चीन के टिक टोक व एप्स पर नहीं थी. सोशल मीडिया पर रोक को, जैन जी ( gen z ) के तौर पर पहचान रखने वाले युवा वर्ग ने , अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक मानते हुए आन्दोलन शुरू किया. काठमांडू के युवा मेयर और लोकप्रिय रैपर बालन शाह के आह्वान पर हजारों नौजवान एकत्र हो गए थे. अब बालन शाह को नेपाल के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जा रहा है . युवाओं के एक बड़े वर्ग का कहना है कि आन्दोलन सिर्फ सोशल मीडिया पर रोक को लेकर नहीं बल्कि सरकारी स्तर पर फैले भ्रष्टाचार , बेरोज़गारी , महंगाई और पलायन जैसे समस्याओं को हल करने में नाकाम रही सरकार के विरोध से ताल्लुक रखता है .
शुरुआत में ही 19 लोगों के मारे जाने और कइयों के घायल होने की खबर आ चुकी है .
नेपाल सेना ने बुधवार को, सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे का हवाला देते हुए कहा कि देश में निषेधाज्ञा शाम 5 बजे तक लागू रहेगी, इसके बाद गुरुवार सुबह 6 बजे तक पूरे देश में कर्फ्यू लगा रहेगा.
सेना ने कहा कि आंदोलन के नाम पर, कुछ असामाजिक तत्वों ने लोगों और संपत्ति पर हमला किया और यौन उत्पीड़न की कोशिश की
सेना ने क्या कहा: “आंदोलन के नाम पर, कई असामाजिक लोग और समूह अभी भी घुसपैठ कर रहे हैं और तोड़फोड़, आगजनी, लोगों पर हिंसक हमले और धमकाने जैसी हरकतें कर रहे हैं.
नेपाल सेना ने बयान में कहा है कि देश की सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए, वर्तमान में लागू कर्फ्यू 25 भाद्र 2082 को शाम 5 बजे (1700 बजे) तक पूरे देश में जारी रहेगा और उसके बाद कल 26 भाद्र को सुबह 6 बजे (0600 बजे) तक कर्फ्यू जारी रहेगा. स्थिति का विश्लेषण करने के बाद आगे की जानकारी दी जाएगी.”
“कर्फ्यू के दौरान, आवश्यक सेवा वाहन (एम्बुलेंस, शव वाहन, फायर इंजन, स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षाकर्मी) चल सकेंगे. सभी संबंधित लोगों से अनुरोध है कि वे आवश्यक सुविधा के लिए पास के सुरक्षाकर्मियों से संपर्क करें.”
पीएम ओली का इस्तीफ़ा : प्रधानमन्त्री ओली ने इस्तीफा दे दिया और कहा, “देश की खराब स्थिति को देखते हुए, मैंने आज से प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है ताकि समस्या का समाधान हो सके और संविधान के अनुसार राजनीतिक रूप से इसका समाधान किया जा सके.”
चीन का रुख : इस बीच चीन विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अभी तक उसे नेपाल में प्रदर्शनों में चीनी नागरिकों के घायल होने की कोई खबर नहीं मिली है। उसने आगे कहा कि उसने काठमांडू से चीनी नागरिकों और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. नेपाल के प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर, चीन ने कहा, “उम्मीद है कि नेपाल के लोग अपने घरेलू मुद्दे ठीक से सुलझा सकेंगे.”