
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस अवसर ने शिक्षाविदों और सेना के बीच एक सतत संवाद के लिए मंच तैयार किया, जिसका उद्देश्य विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अकादमिक प्रगति राष्ट्र की सुरक्षा के लिए लाभकारी हो.
प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि हाल के वर्षों में, आईआईटी कानपुर ने रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण इंटेलिजेंट सिस्टम , साइबर सुरक्षा, ड्रोन और रोबोटिक्स जैसे गहन तकनीकी क्षेत्रों में काम किया है . उन्होंने कहा कि हम मौलिक शोध को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के साथ जोड़ने में विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि नियमित संवाद और संयुक्त परियोजनाओं को बढ़ावा देकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि नवाचार भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए वास्तविक दुनिया के समाधानों में तब्दील हो जाएं.
इस अवसर पर आईआईटी कानपुर ( iit , kanpur ) में भारतीय सेना सेल के नोडल संकाय प्रभारी प्रो. कांतेश बलानी, रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन ( defence research and development organisation) के वरिष्ठ अधिकारी एवं विशेषज्ञ संजय टंडन और आईआईटी कानपुर में अनुसंधान और विकास के डीन प्रो. तरुण गुप्ता भी मौजूद थे.
संकाय और छात्रों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों में प्रो. बी. भट्टाचार्य के ग्रुप , प्रो. शक्ति गुप्ता और श्री आदित्य द्वारा चतुर्भुज और रोटरी प्रणालियों सहित उन्नत रोबोटिक्स पर किए जा रहे शोध को शामिल किया गया . प्रो. वैभव के. श्रीवास्तव, प्रो. जे. रामकुमार, प्रो. अनंथा रामकृष्ण और प्रो. अभिषेक सरकार द्वारा संभावित रक्षा अनुप्रयोगों वाले मेटा सामग्रियों में किए गए विकास को भी प्रदर्शित किया गया. आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेट किए गए स्टार्ट-अप शिराक्वा यूएवी, एंथ्रोन एयरोस्पेस और नाइट्रो डायनामिक प्राइवेट लिमिटेड ने भी भारत के स्वदेशी रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से अपने समाधान प्रस्तुत किए.
लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता (Lt. Gen. Anindya Sengupta ) ने कहा, “राष्ट्रीय रक्षा के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आईआईटी कानपुर से उभर रहे अनुसंधान और नवाचार की गहराई को देखना उत्साहजनक है. इस तरह के सहयोग हमारी स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने की अपार संभावनाएं रखते हैं. साथ मिलकर काम करके हम वास्तविक सुरक्षा चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं.”
विज्ञप्ति में कहा गया कि सेना कमांडर का दौरा सेना और शिक्षा जगत के बीच पुल बनाने के साझा संकल्प को दर्शाता है. लेफ्टिनेंट जनरल सेनगुप्ता ने आईआईटी कानपुर के जिन प्रमुख शोध केंद्रों का दौरा किया उनमें सी3आई हब भी शामिल है. सेंटर फॉर डेवलपिंग इंटेलिजेंट सिस्टम्स में प्रो. नितिन सक्सेना ने उनको वहां हो रहे कार्यों से अवगत करवाया जबकि हेलीकॉप्टर और वीटीओएल लैब की गतिविधियों व् शोध कार्यों से प्रो. अभिषेक ने उनको परिचित करवाया . यूएवी लैबोरेट्री के काम व प्रयोग भी उन्होंने देखे जहां के प्रो. एस. सदरला का नेतृत्व है .