
वो भारत के तेलंगाना राज्य के डूंडीगल में स्थापित 50 साल पुरानी एयर फोर्स अकादमी (Air force Academy) उन भावुक पलों और कभी न भूल पाने वाले लम्हों का गवाह बनी जब भारतीय सेना के एक सूबेदार के बेटे को भारतीय वायु सेना (Indian Air force) के अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बिरेंदर सिंह धनोआ की तरफ से शायद ज़िन्दगी के सबसे खूबसूरत तोहफे के तौर पर वो विंग्स मिले जो मार्शल धनोआ ने अपनी पहनी वर्दी से उतारकर उसके सीने पर लगाये. ये नौजवान कोई और नहीं सूबेदार जी पुल्ला रेड्डी का होनहार और जांबाज़ बेटा जी नवीन कुमार रेड्डी है जो 152 कैडेट्स की पासिंग आउट परेड का संचालन कर रहा था.

शनिवार को जब भारतीय वायुसैनिकों की नई पीढ़ी चमचमाती नीली वर्दी पहने मार्चपास्ट कर रही थी तो लग रहा था बहुत कुछ कर गुजरने की तमन्ना लेकर नीला आसमान राजधानी हैदराबाद से 45 किलोमीटर के फासले पर एयर फ़ोर्स अकादमी के इस मैदान में उतरकर अंगड़ाई ले रहा हो. अकादमी से ग्रेजुएशन करके फ़्लाइंग ऑफिसर बनकर भारत की इस जांबाज़ वायुसेना का हिस्सा बने इन 152 कैडेट्स में 24 युवतियां भी हैं. वर्दी, पढ़ाई, जज़्बा और जोश सब में बराबर का था लेकिन फ़्लाइंग ऑफिसर जी नवीन रेड्डी सबसे अलग.
पूरे कोर्स में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सोर्ड ऑफ़ ऑनर से नवाजे गये जी नवीन रेड्डी जब फीत लगाये जाने की रस्म के दौरान मुख्य अतिथि चीफ ऑफ़ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल बिरेंदर सिंह धनोआ की तरफ कदम बढ़ा रहे थे तो इस अविस्मरणीय घटना के लिए शायद ही सोच रहे होंगे. जैसे ही वो मार्शल धनोआ के सामने पहुंचे, मार्शल धनोआ ने अपनी वर्दी पर लगे वो विंग्स उतारकर जी नवीन रेड्डी के सीने पर लगा दिए जिन्हें कोई भी वायुसैनिक ताजिंदगी गर्व के साथ वर्दी पर धारण करता है. सोर्ड ऑफ़ आनर से नवाजे गये ऑफिसर को राष्ट्रपति की तरफ से सम्मान पट्टिका के साथ वायुसेना प्रमुख के हाथों एक तलवार मिलती है.
ये बिलकुल अप्रत्याशित था, वहां मौजूद हर शख्स के लिए. चाहे वो कैडेट्स के परिवार वाले हों या सेना के अधिकारी. 61 वर्षीय मार्शल बिरेंदर सिंह धनोआ ने जी नवीन रेड्डी को विंग्स लगाते हुए कहा कि सितम्बर के महीने में वो रिटायर होने पर इस वर्दी को उतारने ही वाले हैं तो क्यूँ न इन विंग्स को वो नौजवान पहने जिसे कठिन परीक्षाओं और चुनौतियों से गुज़रना है. विंग्स किसी कैडेट को तब मिलते हैं जब वो वायुसेना में कमीशन पाता है. इसे वर्दी के सामने पहना जाता है.
वहीँ मार्शल धनोआ के हाथों उन्हीं के विंग्स पहनने वाले फ़्लाइंग ऑफिसर जी नवीन रेड्डी का कहना था कि वो इन विंग्स को पूरे करियर में उस शख्सियत के आशीर्वाद के तौर पर पहन कर रखेंगे जिसने बेहद गौरव और अभिमान के साथ वायु सेना की सेवा की. फाइटर पायलट मार्शल धनोआ भारतीय वायु सेना के 25 वें प्रमुख हैं और 7 सितम्बर को रिटायर होंगे. उन्होंने दिसम्बर 2016 में ये ओहदा संभाला था. उनकी जगह किसे भारतीय वायु सेना का प्रमुख बनाया जाएगा?, ये अभी तय नहीं हुआ है.
फ्लाइंग ऑफिसर जी नवीन कुमार रेड्डी के पिता जी पुल्ला रेड्डी भारतीय थल सेना में सूबेदार रैंक के ओहदे पर हैं. उन्होंने बताया कि उनकी हमेशा से ये तमन्ना थी कि उनका बेटा भारतीय सेना में अफसर बने.
फ़्लाइंग ऑफिसर सुपर्भ सक्सेना को नेविगेशन ब्रांच और फ़्लाइंग ऑफिसर रेनू यादव को ग्राउंड ड्यूटी में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति पट्टिका से सम्मानित किया गया.