इजरायल ने गाज़ा की नाकेबंदी की हुई है जिस कारण बाहर से कोई भी मानवीय सहायता भीतर नहीं पहुंच रही . लिहाज़ा गाज़ा में लोगों को खाने पीने के सामान से लेकर ज़रूरी दवाओं तक के संकट से जूझना पड़ रहा है . कई देशों के प्रयास और समझौते के बावजूद हालात सुधर नहीं रहे हैं . ऐसे में प्रमुख जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथी अपना विरोध जताने के मकसद से , प्रतीकात्मक तौर पर मानवीय सहायता जैसे खाने पीने , दवाओं , बच्चों के उपभोग व उपयोग की सामग्री लेकर गाज़ा के लिए सप्ताह भर पहले निकले थे. ऐसा करके यह लोग दुनिया भर में गाज़ा के लोगों के लिए हमदर्दी की अलख जगाना चाहते हैं .
मैडलीन की इस यात्रा का आयोजन फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन ने किया था और इसमें स्वीडन, फ्रांस, ब्राजील और अन्य देशों के कार्यकर्ता शामिल थे.
इज़रायली सेना ने कहा है कि उन्होंने समुद्र में जहाज को अपने कब्जे में ले लिया है और ग्रेटा थनबर्ग और बाकी चालक दल को हिरासत में लिया है . इजरायल की तरफ से जारी किए गए एक वीडियो में निहत्थे चालक दल और यात्रियों को लाइफ़ जैकेट पहने और जहाज पर चढ़ते समय अपने हाथ ऊपर उठाते हुए दिखाया गया.
इससे पहले , ग्रेटा थनबर्ग ने पूर्व में रिकॉर्डेड एक वीडियो में कहा “अगर आप यह वीडियो देखें तो हमें अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में रोका गया और अपहरण कर लिया गया है,” वीडियो में , उन्होंने स्वीडिश सरकार पर उनकी रिहाई सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए दबाव बनाने का आह्वान किया.
इज़रायल ( israel ) ने कहा कि वह हिरासत में लिए गए लोगों को उनके देश वापस भेज देगा. कार्यकर्ताओं ने कहा कि जहाज में गा ज़ा के लिए प्रतीकात्मक मात्रा में भोजन था. एक्स पर पोस्टिंग में, इज़रायल के विदेश मंत्रालय ने ग्रेटा थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं के वीडियो दिखाए, और कहा कि वे सोमवार को बाद में इज़राइल पहुंचेंगे. इधर बढ़ते कुपोषण के बीच इज़रायल ने दो महीने के लिए गाजा तक पहुँचने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय सहायता पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही सशस्त्र पहरे के तहत सीमित डिलीवरी की अपनी प्रणाली लागू की.
पहले भी हुआ हमला :
इससे पहले माल्टा के तट पर ड्रोन ने मई में फ्लोटिला गठबंधन के भेजे गए एक जहाज पर हमला किया था . जिसमें जहाज क्षतिग्रस्त हुआ था . इसकी किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली थी , लेकिन दल ने इज़राइल को दोषी ठहराया. 2010 में गाजा की नाकाबंदी तोड़ने की कोशिश कर रहे एक फ्लोटिला पर इज़रायली सेना के हमले में नौ कार्यकर्ता मारे गए थे. इस घटना पर इज़राइल ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
गाजा में बढ़ती हिंसा ने इस क्षेत्र को एक भयावह मानवीय दुःस्वप्न में डुबो दिया है. कई युद्धविराम समझौतों के बावजूद, नाकाबंदी वाले क्षेत्र में मानवीय सहायता की इजाज़त देने की कोशिश बड़े पैमाने पर नाकाम रही हैं. वैश्विक नेता सार्थक रूप से हस्तक्षेप करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में एक परिचित युवा आवाज़ यथास्थिति को चुनौती देने के लिए उभरी है.
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया एक्स X पर प्रतिक्रिया देते हुए जनता को आश्वस्त किया कि कार्यकर्ता सुरक्षित हैं . ट्वीट में कहा गया, “‘सेल्फी यॉट’ मैडलीन इजरायल के तटों की ओर बढ़ रहा है. यात्री सुरक्षित हैं और उन्हें सैंडविच और पानी उपलब्ध कराया गया है, और उनके अपने देश लौटने की उम्मीद है.” फिर भी, ग्रेटा के इस कथन ने पहले से ही तनावपूर्ण मानवीय मिशन में एक गंभीर वृद्धि को चिह्नित किया.
मैडलीन को चेतावनी :
इजरायल ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि मैडलीन को गाजा पहुंचने से पहले ही रोक दिया जाएगा, इसलिए यह नाकाबंदी कोई अधिक हैरानी वाली बात नहीं थी . एक महीने पहले ही, एक अन्य सहायता पोत, कॉन्साइंस ( जो फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन का भी हिस्सा है ) – कथित तौर पर माल्टा के पास इजरायली ड्रोन द्वारा हमला किया गया था, जिससे जहाज में आग लग गई और चार नागरिक स्वयंसेवक घायल हो गए. जबकि इजरायली सरकार ने दावा किया कि वह घटना की जांच कर रही है, फ्लोटिला चलाने वाले एनजीओ ने हमले को अंतरराष्ट्रीय जल में मानवीय प्रयासों का दमन बताया.
फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन और मैडलीन के बारे में
मैडलीन की यात्रा का आयोजन करने वाला फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन, एक जमीनी स्तर का एकजुटता आंदोलन है जो “गाजा की अवैध इजरायली नाकाबंदी” को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. 2010 में स्थापित, गठबंधन का कहना है कि वह राजनीतिक गुटों या सरकारों के दबाव में नहीं है . वह पूरी तरह से नागरिक समाज के सहयोग पर केंद्रित है. मैडलीन का नाम गाजा की पहली महिला मछुआरे के सम्मान में रखा गया है. 1 जून को सिसिली से रवाना हुए इस जहाज में महत्वपूर्ण माल था – चावल, शिशु फार्मूला और आवश्यक आपूर्ति की प्रतीकात्मक मात्रा जो गाजा के लोगों के सामने आने वाली विनाशकारी खाद्य कमी से लड़ने के लिए थी.
ग्रेटा की भागीदारी इस संघर्ष में एक अभूतपूर्व आयाम जोड़ती है. जलवायु आपातकाल के इर्द-गिर्द वैश्विक युवाओं को एकजुट करने के लिए जानी जाने वाली ग्रेटा अब उसी जुनून को गाजा के घिरे हुए लोगों के लिए न्याय और राहत की मांग में लगा रही हैं. मैडलीन अभी भी इजरायल की हिरासत में है, दुनिया की निगाहें उस पर टिकी हैं.