जस्टिस सूर्य कांत भारत के अगले सर्वोच्च न्यायाधीश होंगे

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जस्टिस सूर्यकांत ( फाइल फोटो )

सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान  जज  सूर्य कांत भारत के अगले सर्वोच्च न्यायाधीश ( chief justice of india ) होंगे. भारत सरकार के विधि एवम न्याय मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक़ सर्वोच्च न्यायाधीश के तौर  जस्टिस सूर्य कांत की नियुक्ति  24 नवंबर से प्रभावी होगी. वे भारत के 53 वें चीफ होंगे.  भारत के वर्तमान चीफ जस्टिस भूषण गवई के 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं . जस्टिस सूर्यकांत उनका स्थान लेंगे.

भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के उपनियम (2) के तहत प्रदत्त शक्तियों का पालन करते हुए राष्ट्रपति ने सुप्रीम  कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ( justice suryakant) को 24 नवंबर 2025 से भारत का सर्वोच्च न्यायाधीश नियुक्त किया है .

कौन हैं जस्टिस सूर्य कांत :
10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार ज़िले के एक छोटे से गांव  पेटवाड़ में जन्मे सूर्य कांत एक साधारण से किसान परिवार में पले-बढ़े. उन्होंने  आठवीं कक्षा तक की शिक्षा गांव  के ही स्कूल में हासिल  की, जहां विद्यार्थियों के बैठने के लिए  बेंच तक नहीं थीं. यानि छात्र ज़मीन पर बैठते थे.

न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने 1981 में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हिसार से स्नातक तक पढ़ाई की. उन्होंने  1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (एलएलबी) की डिग्री ली . जस्टिस सूर्य कांत ने उसी साल  हिसार ज़िला न्यायालय में अपना कानूनी करियर शुरू किया. वे 1985 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए.

पहले महाधिवक्ता फिर जज बने :
7 जुलाई, 2000 को यानि मात्र 38 वर्ष की उम्र में उनको हरियाणा का  महाधिवक्ता नियुक्त किया गया. इतनी कम उम्र में इस पद पर उनकी नियुक्ति राज्य के कानूनी इतिहास में एक रिकॉर्ड है.  एक साल बाद, मार्च 2001 में, उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया.

  जस्टिस  सूर्य कांत को  9 जनवरी, 2004 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उन्होंने न्यायिक कर्तव्यों के साथ-साथ अपनी शैक्षणिक यात्रा भी जारी रखी और 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास की.