छह दशक से भी ज़्यादा अरसे तक भारतीय आकाश में गर्जना करता रहा जानदार लड़ाकू मिग-21 अब चंडीगढ़ में एक भव्य विदाई के साथ सेवानिवृत्त होने वाला है. चंडीगढ़ ही वह जगह है जहां यह पहली बार भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ था. कमाल का यह फाइटर हालांकि दुर्घटनाओं के कारण बदनाम भी हुआ लेकिन अपनी मारक क्षमता के कारण इसने शानदार नतीजे भी पेश किए. भारतीय वायु सेना में हीरो रहा मिग 21 कल ( 26 सितम्बर 2025 ) यह अपनी आखिरी उड़ान भरेगा.
भारतीय वायु सेना में मिग-21 ( mig 21 in indian air force) विमानों के संचालन का आधिकारिक समापन चंडीगढ़ में 26 सितंबर को एक औपचारिक फ्लाईपास्ट और डीकमीशनिंग समारोह के साथ होगा. इन पलों को भारत की वायु शक्ति के एक ऐतिहासिक अध्याय का समापन भी कहा जा सकता है. “पैंथर्स” उपनाम से मशहूर 23वें स्क्वाड्रन के अंतिम मिग-21 जेट को चंडीगढ़ वायु सेना स्टेशन पर अंतिम विदाई दी जाएगी.
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ( air chief marshal a p singh ) ‘बादल 3’ नाम से स्क्वाड्रन की आखिरी उड़ान भरेंगे.
विदाई समारोह की योजना :
1981 में भारतीय वायुसेना प्रमुख बने दिलबाग सिंह ने 1963 में चंडीगढ़ में पहली मिग-21 स्क्वाड्रन का नेतृत्व किया था. इसके बाद उसने छह दशकों की सेवा में यह साहस की अनगिनत कहानियों का एक ऐसा योद्धा बना जिसने आसमान में फख्र का परचम फहराया .
शुक्रवार को होने वाले समारोह की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आगमन से होगी जोकि मुख्य अतिथि होंगे . इसके बाद वायुसेना की विशिष्ट स्काईडाइविंग टीम ‘आकाश गंगा’ 8,000 फीट की ऊँचाई से छलांग लगाकर शानदार प्रदर्शन करेगी. इसके बाद मिग-21 विमानों का भव्य फ्लाईपास्ट होगा, जिसके साथ वायु योद्धा अभ्यास दल की सटीकता और हवाई सलामी भी होगी.
लड़ाकू पायलट तीन विमानों वाले ‘बादल’ और चार विमानों वाले ‘पैंथर’ स्वरूप में उड़ान भरेंगे और आखिरी बार आसमान में गरजेंगे. इस मौके पर सूर्य किरण एरोबैटिक टीम भी लुभावने युद्ध अभ्यास का प्रदर्शन करेगी.
डाक टिकट :
जेट विमानों की ऐतिहासिक सेवानिवृत्ति को चिह्नित करने के लिए एक स्मारक डाक टिकट (mig 21 postal stamp) जारी किया जाएगा, जिसने भारत के 1965 और 1971 के युद्धों, 1999 के कारगिल संघर्ष और 2019 के बालाकोट हवाई हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा :
बुधवार को इस उड़ान की फुल ड्रेस रिहर्सल भी हुई थी. इसके पायलटों में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ( sqn ldr priya sharma) भी शुमार थीं . औपचारिक मिग-21 फ्लाईपास्ट में हिस्सा लेने वाले पायलटों में वे शामिल होंगी. विदाई समारोह में शामिल होने वाले 23 स्क्वाड्रन के छह जेट विमानों को लैंडिंग के समय वाटर कैनन सैल्यूट दिया जाएगा, जिसमें प्रिया शर्मा इस ऐतिहासिक क्षण में अहम भूमिका निभाएंगी.
डुंडीगल स्थित वायु सेना अकादमी से 2018 में स्नातक हुई प्रिया शर्मा भारतीय वायुसेना में सातवीं महिला लड़ाकू पायलट हैं. वह राजस्थान के झुनझुनू जिले की रहने वाली है और उनके पिता भी भारतीय वायु सेना में थे . प्रिया योग्यता से इंजीनियर अपने बैच की एकमात्र महिला लड़ाकू पायलट थीं. उन्होंने शुरुआत में हैदराबाद के हाकिमपेट वायुसेना स्टेशन में उनकी तैनाती रही . उसके बाद वे दूसरे और तीसरे चरण के उन्नत लड़ाकू प्रशिक्षण के लिए कर्नाटक के बीदर वायुसेना स्टेशन गईं.
प्रिया शर्मा का उड़ान के प्रति जुनून बचपन के उन दिनों से ही था जब उन्होंने अपने पिता की तैनाती के दौरान आसमान में जगुआर और हॉक विमानों को देखा था. इस साल अगस्त में, उन्होंने बीकानेर के नल वायुसेना स्टेशन पर वायुसेना प्रमुख के मिग-21 विदाई उड़ान के दौरान फॉर्मेशन में उड़ान भरी, और भारत के प्रतिष्ठित लड़ाकू जेट की विरासत के एक ऐतिहासिक अध्याय का हिस्सा बन गईं.