साई जाधव आईएमए की ट्रेनिंग हासिल कर सेना में कमीशन पाने वाली पहली महिला अफसर बनीं

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साई जाधव के माता-पिता ने उनके कंधों पर सितारे सजाए
साई जाधव के माता-पिता ने उनके कंधों पर सितारे सजाए

देहरादून स्थित  भारतीय सैन्य अकादमी (indian military academy) के नौ दशक से ज्यादा  पुराने शानदार  इतिहास में शनिवार का दिन ख़ास रहा जब इसमें एक खूबसूरत पन्ना और जुड़ गया . यह मौका रहा यहां से  पहली बार एक महिला अधिकारी कैडेट का प्रशिक्षण पूरा कर सेना में कदम रखना. इस उपलब्धि को हासिल करने वाली  कैडेट साईं जाधव ( sai jadhav) हैं जिन्होंने अब  प्रादेशिक सेना (territorial army ) में लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन हासिल किया है.

महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली साई जाधव आई एम ए ( ima) से प्रशिक्षण लेने वाली पहली महिला अधिकारी कैडेट हैं. प्रादेशिक सेना के 16 कैडेट्स  में वह अकेली महिला रहीं. हालांकि, उन्होंने अन्य कैडेट की तरह मुख्य पासिंग आउट परेड ( passing out parade ) में मार्च पास्ट नहीं किया, लेकिन उन्होंने  प्रादेशिक सेना के छह  महीने के विशेष के कोर्स के तहत आईएमए  में सख्त ट्रेनिंग ली.   वैसे साईं पहले से ही सैन्य परिवार का हिस्सा है .

पासिंग आउट समारोह  के दौरान साई जाधव के माता-पिता ने उनके कंधों पर सितारे सजाए.  साई का परिवार भी फौज की सेवा की मजबूत परंपरा से जुड़ा रहा है.  उनके पिता संदीप जाधव वर्तमान में  प्रादेशिक सेना में मेजर के पद पर हैं, जबकि दादा ब्रिटिश सेना में सेवाएं दे चुके हैं.

साई  जाधव का कहना था आईएमए की ट्रेनिंग ( training in ima)  बेहद चुनौतीपूर्ण रही  लेकिन इसी मुश्किल कठिन दौर ने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से पहले से कहीं ज्यादा  मजबूत बनाया. उनका कहना है कि आईएमए  ने उनमें  एक बेहतर अधिकारी ही नहीं , बल्कि आत्मविश्वासी व्यक्तित्व भी दिया. साई ने स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को संदेश दिया कि वे रक्षा बलों की ओर आगे बढ़ें.  यह न सिर्फ  एक बेहतरीन करियर है, बल्कि देशसेवा का सबसे गौरवपूर्ण और सम्मानजनक जरिया भी है.वैसे आईएमए में जून 2026 से आईएमए में महिला अधिकारी कैडेट नियमित रूप से पुरुष कैडेट्स  के साथ प्रशिक्षण लेंगी  और मार्च पास्ट करती नजर आएंगी. यह भारत के सैन्य इतिहास में एक और गौरवशाली  अध्याय के जुड़ने जैसा होगा .