
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने समापन समारोह में शिरकत की और “बहु-क्षेत्रीय युद्ध में हृदय स्थल और तटीय क्षेत्र की शक्तियाँ और भारत” (heartland and rimland powers in multi-domain warfare and india) विषय पर मुख्य भाषण दिया.
जनरल चौहान ने भारत की विशिष्ट सामरिक पहचान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जहां इतिहास ने एक महाद्वीपीय दृष्टिकोण को आकार दिया है, वहीं भारत का भूगोल इसे एक महाद्वीपीय और समुद्री शक्ति, दोनों के रूप में परिभाषित करता है.
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने 7 नवंबर को मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन किया था. चंडीगढ़ में सुखना झील के किनारे लेक क्लब में हर साल आयोजित किए जाने वाले इस सैन्य साहित्य महोत्सव में युद्ध साहित्य, भविष्य के युद्ध और बहु-क्षेत्रीय ऑपरेशंस पर चर्चाएँ हुईं. यह महोत्सव हर साल मिलिटरी लिटरेचर फेस्टिवल एसोसिएशन द्वारा पंजाब सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के सहयोग से आयोजित किया जाता है.
सीडीएस जनरल चौहान ने सेवारत सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों , नागरिकों, एनसीसी कैडेटों, बच्चों और एक ब्रिटिश सेना प्रतिनिधि से भरे दर्शकों के समक्ष रणनीतिक चुनौतियों, 1965 के युद्ध से सीख और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की.
इस कार्यक्रम का समापन पूर्व सैनिकों , विद्वानों और युवाओं के बीच जीवंत आदान-प्रदान के साथ हुआ – जिसने भविष्य के लिए तैयार और आत्मनिर्भर भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति भारत के संकल्प की पुष्टि की.












