मेजर विक्रांत कुमार जेटली ( major vikrant kumar jaitly ) भारतीय सेना की स्पेशल फ़ोर्स का हिस्सा थे. सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद 2016 से वह संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं, जहां वे और उनकी पत्नी चारुल चतुर्वेदी जेटली ( charul c chaturvedi ) मिलकर एक कंपनी चलाते हैं . मैटीटी ग्रुप ( matiti group) नाम की इस कंपनी की वेबसाइट से पता चलता ही कि कम्पनी परामर्श और जोखिम प्रबंधन सेवा उपलब्ध कराने समेत कई तरह की व्यावसायिक गतिविधियां करती है .
हिन्दी फिल्मों की अभिनेत्री सेलिना जेटली ( actress celina jaitly ) ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा है सितम्बर 2024 में उनके भाई मेजर विक्रांत का संयुक्त अरब अमीरात में अपहरण करके अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है . तब से उनकी कोई खैर खबर नहीं है. उनके भाई को कानूनी व चिकित्सा सहायता चाहिए और परिवार उनके संपर्क में रहना चाहता है. सेलिना का कहना है कि बार बार के अनुरोध के बावजूद सरकार इस दिशा में कुछ ठोस नहीं कर रही है .
हाई कोर्ट में जब सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई तब सेलिना जेटली की तरफ अधिवक्ता राघव कक्कड़, ऋभव पांडे और माधव अग्रवाल पेश हुए. उस वक्त सेलिना जेटली भी वहां मौजूद थीं .
भारत सरकार की तरफ से वकील निधि रमन पैरवी कर रही हैं . निधि रमन ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि विक्रांत को “एक मामले” के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है, और कहा कि सरकार का विदेश मंत्रालय उनकी पत्नी के संपर्क में है.
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस सचिन दत्ता (justice sachin datta ) की पीठ सेलिना जेटली की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में उनके भाई के लिए कानूनी सहायता, उनके बीच वास्तविक समय और सीधा संवाद, और उनकी कुशलक्षेम पर नज़र रखने के लिए नियमित रूप से काउंसलर पहुंच की मांग की गई थी.
सेलिना जेटली ने अदालत में अपनी याचिका में कहा कि उनके भाई के एक साल से ज़्यादा समय से हिरासत में रहने के बावजूद, केंद्र सरकार ने उन्हें उनकी कानूनी स्थिति या खैरियत के बारे में बुनियादी जानकारी नहीं दी है. उन्होंने याचिका में आगे दावा किया कि उनके बीच कोई फोन कॉल या सत्यापन योग्य संवाद नहीं हुआ है.
मामले में दलीलें सुनने के बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ( delhi high court ) ने विदेश मंत्रालय को सेलिना और उसके भाई विक्रांत के बीच संवाद स्थापित करने का निर्देश देते हुए एक नोटिस जारी किया और विदेश मंत्रालय को इस मामले के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया
अदालत के आदेश में कहा गया है कि सरकार विक्रांत जेटली की गिरफ्तारी और हिरासत के संबंध में प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए कदम उठाए . साथ ही याचिकाकर्ता और उसके भाई के बीच संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया जाए. सरकार को इस केस में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है. इस बारे में की गई कार्यवाही के लिए सरकार को 4 हफ्ते का समय देते हुए अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 4 दिसंबर का दिन तय किया गया है .













