भारत अमेरिका से 825 करोड़ रूपये के हथियार खरीदेगा

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जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइल
टैरिफ और वीज़ा जैसे मुद्दों पर भारत (india) और  अमेरिका (america) के रिश्तों में तनातनी के बावजूद दोनों देशों ने 93 मिलियन डॉलर ( लगभग 825 करोड़ रुपये ) का रक्षा  सौदा किया है . इस  सौदे के तहत  भारतीय अमेरिका से इतनी  धनराशि के हथियार खरीदेगा.

इस रक्षा  सौदे  ( defence deal ) को कूटनीतिक , आर्थिक और विभिन्न मुल्कों से अपने संबंधों को लेकर भारत की एक संतुलन बनाने की कोशिश के नजरिए से भी देखा जा रहा है जो कुछ ही हफ्ते पहले दोनों देशों के रक्षा विभागों के बीच हुआ था . इस सौदे को अमेरिका के विदेश विभाग की तरफ से मंज़ूरी दिए जाने की जानकारी अमेरिका की  डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने अमेरिकी कांग्रेस को दी है.

यूं तो भारत और अमेरिका बीते कुछ साल  से रक्षा के क्षेत्र में साझीदार हैं . बीते  महीने में  भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh) ने अमेरिकी रक्षा मंत्री (युद्ध सचिव) पीट हेग्सेथ (pete hegseth) से मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच 10 साल के डिफेंस फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर किए गए थे.  भारत ने इस पार्टनरशिप के तहत अमेरिका से इतनी बड़ी मात्रा में हथियार खरीदने का फैसला लिया.

भारत ने अमेरिका से कौन से हथियार खरीदने का सौदा किया :
सौदे के तहत भारत जो अमेरिका से जो जो हथियार खरीदेगा उसका विस्तृत ब्यौरा भी अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष रखा गया . इन हथियारों में  जेवलिन मिसाइल सिस्टम अहम है.  इसमें 100 जेवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें ( javelin anti-tank guided missile system) , 25 लाइटवेट कमांड लॉन्च यूनिट्स, एक ‘फ्लाई-टू-बाय’ राउंड, प्रशिक्षण सहायता , सिमुलेशन राउंड्स, स्पेयर  पार्ट्स और लाइफटाइम सपोर्ट शामिल हैं.  इसके अलावा भारत, अमेरिका से एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल्स भी लेगा .  इसमें संबंधित फायर-कंट्रोल कंपोनेंट्स, प्रोपेलेंट्स, तकनीकी सहायता ,  लॉजिस्टिकल सपोर्ट शामिल हैं.