शान से मनाया गया 93वां वायु सेना दिवस , 58 साल पुरानी कार में पहुंचे वायु सेना प्रमुख

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वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह विंटेज 1967 फोर्ड सैलून पर सवार होकर हिंडन एयर बेस पर पहुंचे.

भारत आज 93वां  वायु सेना दिवस मना रहा है. इस अवसर पर मुख्य समारोह दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर हुआ . इस अवसर पर पुराने विमानों के बेड़े की उड़ान तो आकर्षण का केंद्र रही ही , वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत  सिंह का  एक विंटेज 1967 फोर्ड सैलून पर सवार होकर समारोह स्थल पर पहुंचना भी जिज्ञासा की वजह बना.

भारतीय वायुसेना ( indian air force ) की स्थापना  ब्रिटिश शासन के दौरान 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी . तब इसका नाम रॉयल इंडियन एयर फ़ोर्स था. भारत ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आइल नाम के आगे से ‘रॉयल ‘ शब्द हटा दिया.

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह, गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस ( hindon air base ) पर एक विंटेज 1967 फोर्ड सैलून में सवार होकर पहुंचे . 30 जुलाई, 1969 को भारतीय वायुसेना में शामिल की गई इस कार पर नीले रंग की नंबर प्लेट लगी है. इस   पर ‘IAF 1’ नंबर दर्ज है .  लेफ्ट-हैंड ड्राइव वाली यह विंटेज कार आकर्षण का केंद्र बन गई जब वायुसेना प्रमुख ने इसकी खिड़की से भीड़ की ओर हाथ हिलाकर अभिवादन किया.

1967 में निर्मित, फोर्ड सैलून ने 1969 में अपनी शुरुआत के बाद से कई वायु सेना प्रमुखों को अपनी सेवाएं दी हैं. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में वायु सेना का नेतृत्व करने वाले एयर चीफ मार्शल पीसी लाल, 1969 में इस कार की सवारी करने वाले पहले व्यक्ति थे.  1969 से 1992 के बीच, इस कार का इस्तेमाल कई अन्य वायु सेना प्रमुखों ने भी  किया. बाद में  एयर चीफ मार्शल निर्मल चंद्र सूरी की  तरफ से पेश  किए जाने के बाद इसे नई दिल्ली के पालम स्थित वायु सेना संग्रहालय में शामिल किया गया.

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने वायु सेना दिवस परेड की सलामी ली .

क्रीम रंग की 1967 फोर्ड सैलून में 390 V-B इंजन लगा है, जिसकी क्षमता 4600 आरपीएम  पर 315 ब्रेक हॉर्स पावर है और यह 8-सिलेंडर यूनिट से लैस है.

वायु सेना दिवस समारोह में अपने संबोधन के दौरान, भारतीय वायुसेना प्रमुख अमरप्रीत सिंह ( air chief marshal amar preet singh )  ने स्वदेशी रूप से विकसित और एकीकृत हथियारों की तारीफ़  की. उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की सावधानीपूर्वक योजना, अनुशासित प्रशिक्षण और दृढ़ कार्यान्वयन की भी प्रशंसा की, जिसके परिणामस्वरूप ऑपरेशन सिंदूर को कामयाबी  मिली.

केन्द्रशासित सीमान्त क्षेत्र जम्मू कश्मीर के पहलगाम में घातक आतंकवादी हमले में सैलानियों की हत्या की गई थी. यह आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे. फलस्वरूप भारत ने बदले की  कार्रवाई करते हुए मई 2025 ऑपरेशन सिन्दूर ( operation sindoor ) छेड़ा जिसके तहत  पाकिस्तान में आतंकवादियों के अड्डे तबाह किए गए. इस पर जब पाकिस्तान सेना की तरफ से भारतीय नागरिक व सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया तो जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के ठिकानों पर हमले किए . इस ऑपरेशन में भारतीय वायु सेना ने सबसे अहम भूमिका अदा की थी.
वे सेना प्रमुख ने  कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित और एकीकृत हथियारों का उत्कृष्ट प्रदर्शन, जिन्होंने दुश्मन के इलाके में गहराई तक सटीक और विनाशकारी प्रहार किए, स्वदेशी क्षमताओं में हमारे विश्वास को पुष्ट करता है. ऑपरेशन सिंदूर इस बात का एक ज्वलंत उदाहरण है कि सावधानीपूर्वक योजना, अनुशासित प्रशिक्षण और दृढ़ कार्यान्वयन के माध्यम से क्या हासिल किया जा सकता है

वायु सेना दिवस 2025 के इस समारोह में हेरिटेज फ़्लाइट (पूर्व में विंटेज एयरक्राफ्ट फ्लाइट) का भी प्रदर्शन किया गया, जो पुराने विमानों का एक बेड़ा है और  भारतीय वायु सेना की विरासत का प्रतीक है.