अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व गोरखा राइफल्स की एक बटालियन की तरफ से किया जा रहा है, जिसमें अन्य टुकड़ियों के चयनित सैनिक भी शामिल किए गए हैं.
रक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि वार्षिक अभ्यास ऑस्ट्राहिंद 2025 का मकसद आपसी सैन्य सहयोग को बढ़ाना, आपसी सहभागिता में सुधार करना और शहरी/अर्ध-शहरी इलाकों में उप-पारंपरिक युद्ध के क्षेत्र में रणनीति, तकनीक तथा प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से भाग लेने वाली सेनाओं के लिए एक मंच प्रदान करना है.
यह अभ्यास खुले व अर्ध‑रेगिस्तानी क्षेत्रों में कंपनी‑स्तर के संयुक्त परिचालन पर केन्द्रित होगा. इसमें सैनिकों द्वारा संयुक्त योजना बनाना, सामरिक अभ्यास, विशेष हथियारों के कौशल और विविध मिशनों का प्रभावी संचालन शामिल है. यह अभ्यास संचालनात्मक क्षमताओं को परिष्कृत करने, उभरती प्रौद्योगिकियों के समेकन का परीक्षण करने तथा वास्तविक युद्ध परिस्थिति में संयुक्त क्रियान्वयन की दक्षता बढ़ाने का मौका भी मुहैया कराएगा .
बयान में उम्मीद ज़ाहिर की गई है कि सैन्य अभ्यास ऑस्ट्राहिंद 2025 में भागीदारी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग को नई गति मिलेगी, साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी सौहार्द, समन्वय एवं विश्वास की भावना भी मजबूत होगी .