चीन के हैनान प्रांत में आयोजित एक कार्यक्रम में फुजियान को नौसेना में कमीशन किया गया. इस कार्यक्रम में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए.
विमानवाहक पोत फुजियान की लंबाई 316 मीटर और विस्थापन 80 हज़ार टन है. इस पर सपाट उड़ान डेक के साथ विद्युत चुंबकीय कैटापुल्ट ( electromagnetic catapult) है जो एक साथ 3 अलग-अलग तरह के विमानों को लॉन्च कर सकता है. पूरी दुनिया में सिर्फ अमेरिका के पास ही विद्युत चुंबकीय कैटापुल्ट प्रणाली वाला विमानवाहक पोत है. वहीं फुजियान एशिया में बना अब तक सबसे बड़ा और विद्युत चुंबकीय कैटापुल्ट प्रणाली वाला चीन का पहला युद्धपोत भी है.
युद्धपोत फुजियान के आकार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस पर से एक साथ 50 विमानों का संचालन किया जा सकता है. इसके लिए पोत पर फ्लैट डेक और खास हैंगर बे बनाया गया है.
फुजियान में उन्नत सक्रिय इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां और कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली HQ-10 मिसाइलें भी हैं, जिन्हें 30 मिलीमीटर क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) तोपों से दागा जा सकता है. फुजियान में ऊर्जा के लिए पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक जनरेटरों के साथ स्टीम टरबाइन का भी उपयोग किया जाता है . हालांकि, इस मामले में यह उन अमेरिकी युद्धपोतों से पीछे हैं, जो परमाणु ऊर्जा से संचालित होते हैं.
बनाने में छह साल लगे :
यूं तो फुजियान प्रोजेक्ट पर पहले से काम चल रहा था लेकिन इसके निर्माण की शुरुआत 2019 में की गई थी. फुजियान को 17 जून, 2022 को जियांगन शिपयार्ड में लॉन्च किया गया. तब से लगातार इसके परीक्षण किए गए थे. वहीं, अमेरिका को फोर्ड क्लास के विमानवाहक पोत को निर्माण से लेकर सेवारत होने में 16 साल लगे थे.













