सीएनएस फुजियान चीन को अमेरिका के बराबर ले आया , भारत के लिए भी हिन्द महासागर में रणनीतिक चुनौती

5
चीन की नौसेना का विमानवाहक पोत सीएनएस फुजियान
चीन ने अपने सबसे उन्नत विमानवाहक पोत सीएनएस  फुजियान ( cns fujian ) को आधिकारिक तौर पर नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया है. चीन का तीसरा और अब तक का सबसे शक्तिशाली अत्याधुनिक प्रणालियों से युक्त यह विमानवाहक पोत कई खासियत वाला है. बड़ी बात यह भी है कि ये चीन में बना पूरी तरह स्वदेशी विमानवाहक पोत है जिसे चीन ने खुद डिजायन किया और खुद ही विकसित  है. इससे चीन की समुद्री ताकत में बेतहाशा बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
पूरी दुनिया में अमेरिका के बाद अब चीन ही एकमात्र देश है जिसके पास दो से ज्यादा विमानवाहक पोत हैं. विशेषज्ञों का मानना है इससे  नौसैनिक शक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा और होगी वहीं इसे हिन्द महासागर में  भारत के लिए रणनीतिक चुनौती के तौर पर भी देखा जा रहा है .

चीन के  हैनान प्रांत में आयोजित  एक कार्यक्रम में फुजियान को नौसेना में कमीशन किया गया.  इस कार्यक्रम में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए.

विमानवाहक पोत फुजियान की लंबाई 316 मीटर और विस्थापन 80 हज़ार  टन है. इस पर सपाट उड़ान डेक के साथ विद्युत चुंबकीय कैटापुल्ट ( electromagnetic catapult) है जो एक साथ 3 अलग-अलग तरह के विमानों को लॉन्च कर सकता है. पूरी दुनिया में सिर्फ अमेरिका के पास ही विद्युत चुंबकीय कैटापुल्ट प्रणाली वाला विमानवाहक पोत है. वहीं फुजियान  एशिया में बना अब तक सबसे बड़ा और विद्युत चुंबकीय कैटापुल्ट प्रणाली वाला चीन का पहला युद्धपोत भी है.

युद्धपोत फुजियान  के आकार का अंदाजा  इस बात से लगाया जा सकता है  कि इस पर से एक साथ 50 विमानों का संचालन किया जा सकता है. इसके लिए पोत पर फ्लैट डेक और खास हैंगर बे बनाया गया है.

मई 2024 में  लांचिंग के बाद समुद्र में  तकरीबन 18 महीने में इस पर तमाम तरह के परीक्षण किए गए.  इस पर से भारी और पूरी तरह से ईंधन से चलने वाले विमानों को भी लॉन्च किया जा सकता है. चीन इससे जे -15 टी (J-15T) लड़ाकू विमान, स्टील्थ जे -35 ( stealth J-35)  और केजे -600 ( KJ-600) विमान को कामयाबी से कैटापुल्ट लॉन्च कर चुका है.
आधुनिक प्रणालियों से लैस है फुजियान :
फुजियान में उन्नत सक्रिय इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां और कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली HQ-10 मिसाइलें भी हैं, जिन्हें 30 मिलीमीटर क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) तोपों से दागा जा सकता है. फुजियान में ऊर्जा के लिए पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक जनरेटरों के साथ स्टीम टरबाइन का भी उपयोग किया जाता है .   हालांकि, इस मामले में यह उन अमेरिकी युद्धपोतों से पीछे हैं, जो परमाणु ऊर्जा से संचालित होते हैं.

बनाने में छह साल लगे :
यूं तो फुजियान प्रोजेक्ट पर पहले से काम चल रहा था लेकिन इसके निर्माण की शुरुआत 2019 में की गई थी. फुजियान को 17 जून, 2022 को जियांगन शिपयार्ड में लॉन्च किया गया. तब से लगातार इसके परीक्षण किए गए थे. वहीं, अमेरिका को फोर्ड क्लास के विमानवाहक पोत को निर्माण से लेकर सेवारत होने में 16 साल लगे थे.