पाकिस्तान में खामोश ‘ तख्तापलट ‘ : असीम मुनीर सीडीएफ बन लेंगे ज्यादा शक्तियां, सुप्रीम कोर्ट की आज़ादी घटी

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पाकिस्तान सेना के प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर
पाकिस्तान के 27 वें संविधान संशोधन की मंजूरी के  साथ ही  पाकिस्तान सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर अहमद शाह को विस्तारित शक्तियां  और आजीवन कानूनी छूट मिल गई है. असीम मुनीर को 28 नवंबर को सेना प्रमुख के ओहदे से सेवानिवृत्त होना है लेकिन  उसके फ़ौरन बाद वह पाकिस्तान की तीनों सेनाओं के प्रमुख ( chief of defence forces) के ओहदे पर आसीन किए जाएंगे.  पाकिस्तानी संसद में विपक्षी दलों के विरोध के बीच पारित यह संशोधन पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की आजादी  को भी सीमित करता है.

पाकिस्तान के विपक्षी राजनेताओं, न्यायाधीशों और स्वतंत्र विशेषज्ञों ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान में लोकतांत्रिक क्षरण और तानाशाही की तरफ  झुकाव का स्पष्ट संकेत बताया.

भारत के घोर विरोधी पाकिस्तान के सेना  प्रमुख सैयद असीम  मुनीर को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड  ट्रंप ने अपना “पसंदीदा फील्ड मार्शल” कहा था.  पाकिस्तान के रक्षा बलों के प्रमुख बनने वाले असीम  मुनीर पहले थल सेना प्रमुख होंगे. यह एक नया पद है जो उन्हें नौसेना और वायु सेना के प्रमुख पद से भी ऊपर रखता है.

कभी नहीं चलेगा कोई केस : 
नए संवैधानिक संशोधन के तहत फील्ड मार्शल और पाकिस्तान के राष्ट्रपति  को किसी भी कानूनी मुकदमे से आजीवन छूट प्रदान की जाएगी. वैसे पाकिस्तान में राष्ट्रपति देश के प्रतीकात्मक राष्ट्राध्यक्ष हैं. यानि इन सुधारों के तहत, राष्ट्रपति आसिफ जरदारी को भी अभियोजन से आजीवन छूट मिलेगी.
संसद में ऐसे पास हुआ बिल : 
संविधान संशोधन बिल सोमवार को संसद के ऊपरी सदन ने बेहद तेजी दिखाते हुए सिर्फ तीन घंटे में  पारित कर दिया  था. इसे  बुधवार को निचले सदन में पास  भी पास  किया गया. इन  संवैधानिक परिवर्तनों के तहत पाकिस्तान के पहले से ही शक्तिशाली सेना प्रमुख की भूमिका का विस्तार होगा . विपक्ष  का कहना है कि यह कदम लोकतंत्र को कमजोर करेगा.
यह भी तख्तापलट : 
ऐतिहासिक रूप से तख्तापलट की प्रवृत्ति वाले पाकिस्तान में इस संशोधन को एक तरह से बिना हंगामे के हुआ तख्तापलट के तौर पर देखा जा रहा है.

परमाणु  हथियार की शक्ति से लैस  पाकिस्तान में वैसे यह निर्वाचित सरकार का सबसे लंबा दौर चल रहा है लेकिन हाल के वर्षों में सेना ने सत्ता पर अपनी पकड़ और मज़बूत कर ली है. यूं पाकिस्तान में  सेना के पास लंबे समय से व्यापक शक्ति रही है, लेकिन यह बदलाव  उसे और ज्यादा  संवैधानिक समर्थन देंगे  जिसे आसानी से उलटा नहीं जा सकेगा. पाकिस्तान में अब तक सेना प्रमुख वायु सेना और नौसेना प्रमुखों के बराबर होता था, और उसके ऊपर संयुक्त सेना प्रमुखों का अध्यक्ष होता था, यह पद अब समाप्त हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के अधिकार घटे : 
इसके साथ ही संवैधानिक मामलों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट  में  नहीं, बल्कि एक नए संघीय संवैधानिक न्यायालय में  की जाएगी, जिसके जजों  की नियुक्ति सरकार करेगी .  हाल के वर्षों में, पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार सरकारी नीतियों को अवरुद्ध किया है और प्रधानमंत्रियों को पद से हटाया है. आलोचकों का कहना है कि अब चुनिंदा न्यायाधीश सरकार को प्रभावित करने वाले सबसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों की सुनवाई करेंगे, जबकि सर्वोच्च न्यायालय दीवानी और आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगा.

पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने मई में भारत के साथ हुई झड़पों का जिक्र करते हुए कहा, “ये सभी संशोधन शासन, संघीय सरकार के प्रांतों के साथ समन्वय और युद्ध जीतने के बाद रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए हैं.”

कौन है असीम मुनीर :
पाकिस्तान के रावलपिंडी के असीम मुनीर ( asim munir) की पैदाइश 1968 में हुई. मूल रूप से पंजाबी उनके परिवार की जड़ें भारतीय पंजाब के जलंधर में है. यह परिवार 1947 में भारत के विभाजन के बाद गठित पाकिस्तान में पलायन कर गया था. असीम मुनीर 29 नवंबर  2022 को  पाकिस्तान सेना के प्रमुख बने. वे पाकिस्तान के 11 वें सेना प्रमुख हैं .

असीम मुनीर का पाकिस्तान की सत्ता पर कितना प्रभाव है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नवंबर 2024 में उनका कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल किया गया जिसके लिए सरकार नमे चंद ही मिनट में क़ानून तक बदल दिया . यहीं नहीं मई 2025 में भारतीय सेना के साथ संघर्ष में पाकिस्तान सेना की ज़बरदस्त छीछालेदर होने के बावजूद उनका सैन्य रुतबा बढ़ाकर फील्ड मार्शल बना दिया गया .